नई दिल्ली। सरकार को एयर इंडिया और अशोक होटल सहित 2017 में 100 सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण कर देना चाहिए। इसके अलावा कम से कम 50 रेलवे स्टेशनों का विकास सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के जरिए किया जाना चाहिए। देश के प्रमुख उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपे गए बजटपूर्व ग्यापन में यह सुझाव दिए गए हैं।
सीआईआई अध्यक्ष नौशाद फोर्ब्स चाहते हैं कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी वाली परियोजनाओं में चल रहे सभी लंबित विवादों का जल्द निपटारा होना चाहिए। ताकि निवेशकों की धारणा में सुधार लाया जा सके और कमजोर पड़ती अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए निजी क्षेत्र का निवेश बढ़ाया जा सके।
फोर्ब्स ने कहा, दिसंबर 2017 तक हमें तीन काम करने चाहिए –हमें 100 उपक्रमों का निजीकरण कर देना चाहिए, केलकर समिति की सिफारिशों को अमल में लाते हुए पीपीपी के सभी लंबित विवादों का समाधान करना चाहिए। देश के 50 रेलवे स्टेशनों का विकास पीपीपी के तहत किया जाना चाहिए।
पूर्व वित्त सचिव विजय केलकर की अध्यक्षता में गठित एक समिति ने दिसंबर 2015 में पीपीपी परियोजनाओं के मामले में एक स्वतंत्र नियामक बनाने की सिफारिश की है। समिति ने भ्रष्टाचार और निर्णय लेने में हुई वास्तविक गलती के बीच भेद स्पष्ट करने के लिए भ्रष्टाचार निरोधक कानून में संशोधन करने का भी सुझाव दिया है।
समिति ने यह भी कहा है कि सरकार को हवाईअड्डों, बंदरगाहों और रेलवे स्टेशनों का पीपीपी के जरिये विकास करना चाहिए। ऐसी परियोजनाओं के लिए दीर्घकालिक भुगतान सुविधा के साथ आसान रिण उपलब्ध होना चाहिए।
फोर्ब्स ने कहा कि सरकार को मुनाफे वाले सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण पर भी गौर करना चाहिये, केवल घाटे वाले उपक्रमों को बेचने की बात नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बारे में कोई सही वजह नहीं दिखाई देती है कि अशोक होटल और एयर इंडिया क्यों सार्वजनिक क्षेत्र में बने रहने चाहिये। फोर्ब्स और नीति आयोग ने निजीकरण के लिये 74 उपक्रमों की पहचान की है।