मुंबई। नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक बनाने वाले 105 अरब डॉलर के टाटा समूह के प्रवर्तक टाटा संस को अपना रजिस्ट्रेशन पब्लिक लिमिटेड कंपनी से बदलकर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी करने के प्रस्ताव को शेयरधारकों ने अपनी मंजूरी दे दी है। इससे साइरस मिस्त्री के परिवार द्वारा टाटा संस में अपनी हिस्सेदारी किसी बाहरी को बेचने की संभावनाएं सीमित हो जाएंगी।
टाटा संस के एक सूत्र ने कहा कि शेयरधारकों की सालाना आम बैठक में रखे गए सभी प्रस्ताव जरूरी बहुमत के साथ पारित हो गए। सालाना आम बैठक में कंपनी के रजिस्ट्रेशन को पब्लिक लिमिटेड कंपनी से बदलकर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाने का प्रस्ताव रखा गया था। मिस्त्री परिवार ने इस पहल को अल्पांश हिस्सेदारों के खिलाफ उत्पीड़न बताया और कहा कि वह प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करेगा। मिस्त्री परिवार की टाटा संस में हिस्सेदारी 18.4 प्रतिशत है। टाटा ट्रस्ट की टाटा संस में 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
अभी यह पता नहीं चला है कि कितने प्रतिशत लोगों ने पक्ष में और कितने ने प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया। प्रस्ताव को पारित होने के लिए कम-से-कम 75 प्रतिशत शेयरधारकों की मंजूरी की जरूरत है। मिस्त्री को टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाए जाने के लगभग एक साल बाद यह कदम उठाया गया है। इसके बाद जनवरी में एन चंद्रशेखरन को टाटा संस का चेयरमैन नियुक्त किया गया।
पब्लिक लिमिटेड कंपनी के शेयरधारक किसी को भी अपनी हिस्सेदारी बेच सकते हैं, लेकिन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के शेयरधारक बाहरी निवेशकों को अपनी हिस्सेदारी नहीं बेच सकते।