नई दिल्ली| गावों में रिहायशी जायदाद का ड्रोन से सर्वेक्षण कर लोगों को उसके मालिकाना हक का दस्तावेज मुहैया करवाने वाली योजना अब 24 अप्रैल से पूरे देश में चालू हो जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस योजना के विस्तार का शुभारंभ करेंगे। यह जानकारी केंद्रीय पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को दी। केंद्रीय मंत्री तोमर ने इससे पहले यहां एक बैठक में स्वामित्व योजना के पायलट प्रोजेक्ट की सफलता और आगे देशभर में इसे अमलीजामा पहनाने की तैयारियों का जायजा लिया। बैठक के बाद एक बयान में उन्होंने बताया कि आगामी 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री देश के सभी गांवों में स्वामित्व योजना के विस्तार का शुभारंभ करेंगे।
क्या है सरकार की योजना
योजना के तहत गांवों की ड्रोन की मदद से मैपिंग की जाएगी। नक्शा तैयार होने के बाद ग्रामीण इलाकों में रिहायशी घरों के मालिकों को उनके घर के मालिकाना हक का आधिकारिक दस्तावेज दिया जाएगा. जिससे जमीन विवाद खत्म होंगे और लोग अपने घरों के बदले कर्ज आदि उठा सकेंगे। केंद्रीय पंचायती राज, ग्रामीण विकास, कृषि एवं किसान कल्याण तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "स्वामित्व योजना हमारे गांवों की दशा-दिशा में ऐतिहासिक परिवर्तन लाने वाली योजना है। देश ने इस योजना के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत अभियान के क्षेत्र में एक सशक्त कदम उठाया है।" उन्होंने पंचायती राज मंत्रालय सहित भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों एवं संस्थानों के अधिकारियों के साथ स्वामित्व योजना की प्रगति की समीक्षा की।
कब तक पूरी होगी योजना
केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि वर्ष 2025 तक इस महत्वाकांक्षी योजना को पूरा किया जाना है। उन्होंने सभी संबंधित मंत्रालय एवं राज्यों को इस योजना के क्रियान्वयन के लिए एक रोडमैप बनाकर चरणबद्ध तरीके से लक्ष्य निर्धारित कर इसे योजना को पूरा करने का निर्देश दिया। तोमर ने कहा कि आज तक गांववासियों के पास उनके आवास के मालिकाना हक का कोई दस्तावेज नहीं था, इसलिए पिछले साल 24 अप्रैल 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामित्व योजना का शुभारंभ करके एक ऐतिहासिक कदम उठाया।
गांव वालों का क्या मिलेगा फायदा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोगों को प्रोपर्टी कार्ड मिलने से वे अब बिना किसी विवाद के संपत्ति खरीद और बेच पाएंगे और गांवों में लोगों के अपने घर पर होने वाले कब्जे की आशंका समाप्त हो जाएगी। गांवों के घरों की संपत्ति के आधार पर नौजवान बैंक से कर्ज लेकर अपना भविष्य बना पाएंगे। उन्होंने कहा कि ड्रोन जैसी नवीनतम टेक्नोलाजी से जिस प्रकार मैपिंग और सर्वे किया जा रहा है, उससे हर गांव का सटीक लैंड रिकार्ड भी बन पाएगा।
अब तक कितने ग्रामवासियों को मिला फायदा
वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान पायलट फेज के अंतर्गत स्वामित्व योजना देश के नौ राज्यों- उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में शुरू की गई थी। अब तक देश के 2,481 गांवों में तीन लाख से अधिक परिवारों को उनकी संपत्ति के अधिकार पत्र प्रदान किए जा चुके हैं। हर संपत्ति के सटीक सर्वे के लिए अब तक देश में लगभग 40,514 गांवों में ड्रोन द्वारा सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। देश में कुल 567 कोर्स नेटवर्क स्टेशन स्थापित किए जाना हैं, जिनमें से 210 का कार्य पूर्ण हो चुका है।बैठक में पंचायती राज मंत्रालय के सचिव सुनील कुमार, भू-संसाधन विभाग के सचिव अजय तिर्की, भारत के महासर्वेक्षक नवीन तोमर, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुनील कुमार और नागर विमानन मंत्रालय के संयुक्त सचिव अंबर दुबे सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
यह भी पढ़े: इन लोगों को मुफ्त में लगेगी कोरोना वैक्सीन, जानिए लिस्ट में कौन हैं
यह भी पढ़ें: आधार का हुआ है गलत इस्तेमाल? इस आसान तरीके से करें चेक