नई दिल्ली। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने आश्वस्त किया कि इस साल दालों की कीमतें नहीं बढ़ेंगी। उन्होंने कहा, सरकार ने सप्लाई और डिमांड के अंतर को पाटने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। केन्द्र सरकार ने इस साल दलहन कीमतों में बढ़ोतरी न हो यह सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय किए हैं। पासवान ने कहा कि सरकार ने बफर स्टॉक रखने, एमएसपी बढ़ाने और जमाखोरों पर अंकुश लगाने जैसे कई कदम उठाए है, जिसका असर कीमतों पर पड़ेगा।
कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार ने उठाए ये कदम
रामविलास पासवान कहा, डिमांड और सप्लाई में भारी अंतर के कारण पिछले साल दालों की कीमतों में बेतहाशा तेजी दर्ज की गई। लेकिन इस साल हमने पहले ही कई महत्वपूर्ण पहल किए हैं जो इस साल दलहन कीमतों में बढ़ोतरी न होना सुनिश्चित करेंगे। हमने सुनिश्चित किया है कि दलहन कीमतों को अंकुश में रखने के लिए बफर स्टॉक रखा जाए, जबकि हमने दलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि की है। इसके अलावा मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने जमाखोरी और कालाबाजारी पर अंकुश रखने के लिए दलहनों के आयात और निर्यात की निगरानी को बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा, मैं आपको को सुनिश्चित कर सकता हूं कि देश में दलहनों की कीमतों पर कोई विशेष प्रभाव नहीं होगा।
डिमांड के मुकाबले नहीं बढ़ा उत्पादन
पासवान ने कहा कि पिछले वर्षों में आबादी में तो बढ़ोतरी हुई है लेकिन दलहन के उत्पादन में उस अनुपात में एक फीसदी की भी वृद्धि नहीं हुई है। इसका कारण इसके कम एमएसपी का होना है और दलहन को नकदी फसल नहीं माना जाना है। उन्होंने कहा, पिछले साल दलहन का उत्पादन 20 लाख टन घटकर 172 लाख टन रह गया जबकि इसकी मांग 226 लाख टन की थी। लेकिन हमने केवल 45 लाख टन का ही आयात किया जिसके कारण कमी की स्थिति पैदा हुई और इस प्रकार कीमतें बढ़ीं। लेकिन इस साल हमने पहले ही 1.5 लाख टन का बफर स्टॉक बनाया है ताकि कोई कमी की स्थिति न आए। मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की मदद करने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है।