नई दिल्ली। खाने के तेलों पर सरकार की तरफ से आयात शुल्क में की गई भारी बढ़ोतरी की वजह से सोमवार को वायदा बाजार में प्रमुख खाने के तेलों की कीमतों में जोरदार बढ़ोतरी दर्ज क गई है। पाम ऑयल और सोया तेल का भाव 4 फीसदी तक महंगा हो गया है। केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते ही पाम ऑयल सहित सोया तेल, सरसों तेल और सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क में जोरदार बढ़ोतरी की है।
किसानों की मदद के लिए सरकार ने बढ़ाया है आयात शुल्क
सरकार का मकसद है कि खाने के तेल पर आयात शुल्क बढ़ाया जाए ताकि घरेलू स्तर पर तिलहन की कीमतों में बढ़ोतरी हो सके और किसानों को इसका अच्छा भाव मिले, लेकिन सरकार के इस कदम के बाद उपभोक्ताओं की मुश्किल बढ़ जाएगी, देश में खपत होने वाले कुल खाद्य तेल का करीब 60-65 फीसदी हिस्सा आयात करना पड़ता है और आयात शुल्क बढ़ने की वजह से खाने के तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होगी जिससे उपभोक्ताओं पर मार पड़ेगी।
आयात शुल्क बढ़ने से महंगा होने लगा खाने का तेल
देश में जितना भी खाने का तेल आयात होता है उसका 60 फीसदी से ज्याद हिस्सा पाम ऑयल होता है और 18-20 फीसदी हिस्सा सोयाबीन तेल का होता है ऐसे में इनपर आयात शुल्क बढ़ने की वजह से इनकी कीमतों में जोरदार बढ़ोतरी हुई है। कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स पर सोमवार को नवंबर वायदा के लिए पाम ऑयल का भाव 4 फीसदी बढ़कर 568.90 रुपए प्रति 10 किलो दर्ज किया गया है। इसी तरह कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स पर दिसंबर वायदा के लिए सोया तेल का भाव 4 फीसदी बढ़कर 726 रुपए प्रति 10 किलो के पार पहुंच गया है।
कौन सा तेल कितना होता है आयात?
इस साल देश में पाम ऑयल का रिकॉर्ड आयात हुआ है, तेल-तिलहन उद्योग के संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन के मुताबिक अक्टूबर में खत्म हुए ऑयल वर्ष 2016-17 के दौरान देश में 150.77 लाख टन खाने के तेल आयात हुआ है जिसमें 92.94 लाख टन पाम ऑयल, 33.16 लाख टन सोया तेल और 21.69 लाख टन सूरजमुखी तेल है।
कौन से तेल पर कितना आयात शुल्क लागू?
केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते ही खाने के तेल पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी की घोषणा की है, क्रूड सोयाबीन तेल पर आयात शुल्क 17.5 फीसदी से बढ़ाकर 30 फीसदी, रिफाइंड सोयाबीन तेल पर 20 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी, क्रूड पाम ऑयल पर 15 फीसदी से बढ़ाकर 30 फीसदी, आरबीडी पाम ऑयल पर 25 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी, क्रूड सूरजमुखी तेल पर 12.5 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी, रिफाइंड सूरजमुखी तेल पर 20 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी, क्रूड सरसों तेल पर 12.5 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी और रिफाइंड सरसों तेल पर 20 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी किया गया है।