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प्रबंध-शिक्षण संस्थानों के स्तर पर राष्ट्रपति ने प्रकट की चिंता, स्‍तर सुधारना बेहद जरूरी

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रबंध संस्थानों की गुणवत्ता स्तर को लेकर चिंता जहिर की है। उन्‍होंने कहा कि ऐसी संस्थाओं को काम के लायक बनाना चाहिए।

Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: November 21, 2016 15:02 IST
प्रबंध-शिक्षण संस्थानों के स्तर पर राष्ट्रपति ने प्रकट की चिंता, स्‍तर सुधारना बेहद जरूरी- India TV Paisa
प्रबंध-शिक्षण संस्थानों के स्तर पर राष्ट्रपति ने प्रकट की चिंता, स्‍तर सुधारना बेहद जरूरी

चंडीगढ। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारत में प्रबंध-शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता और उनकी पढ़ाई के स्तर को लेकर चिंता जहिर की है। उन्‍होंने कहा कि ऐसी संस्थाओं को विद्यार्थियों में सही कौशल उत्पन्न कर उन्हें काम के लायक बनाना चाहिए।

उन्होंने रविवार को इंडियन बिजनस स्कूल के एक कार्यक्रम में कहा कि भारत में अगले कुछ एक साल में 10,000 स्टार्ट-अप फर्मों के स्थापित होने की संभावना है। ऐसे में बिजनस स्कूलों की भूमिका स्फूर्तिकारी होनी चहिए।

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राष्‍ट्रपति ने दिए ये सुझाव

  • राष्ट्रपति ने ऐसे संस्थानों को युवाओं के मस्तिष्क की आकुलता की याद दिलाते हुए उन्हें आगाह किया।
  • उन्होंने कहा कि युवाओं को समुचित कौशल का शिक्षण प्रशिक्षण दिए जाने की जरूरत है
  • ताकि वे रोजगार पाने के काबिल बन सके अन्यथा आकुल युवा मस्तिष्क हिंसा पर उतर आएंगे।

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उन्होंने कहा कि संस्थानाओं में ज्ञानार्जन के लिए अनुकूल वातावरण बनाया जाए।

प्रणब मुखर्जी ने कहा कि आज प्रबंध शिक्षण संस्थान कुकुरमुत्ते की तरह उग रहे हैं। उन्होंने इन के स्तर का मुद्दा उठाया। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि जगह जगह बहुत से विश्वविद्यालय और पालीटेकनिक संस्थान है पर प्रतिस्पर्धा और रोजगार हासिल करने की दृष्टि से बहुत से संस्थानों की गुणवत्ता मानक स्तर की नहीं है।

  • राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में युवकों की बढ़ती आबादी को रोजगार के बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए प्रशिक्षित किए जाने की जरूरत है।
  • देश को युवा आबादी का लाभ मिला हुआ है। 2030 तक देश की आबादी में 60 करोड़ युवा जुड़ेंगे।
  • इसलिए उनके अंदर कौशल विकास बहुत जरूरी हो गया है।
  • यदि यह विफल रहे तो हमारी जनसंख्या का यह लाभ हमारे लिए जनसंख्या की आफत बन सकता है।

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