नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) लागू करने को लेकर एक और कदम आगे बढ़ गई है। गुरुवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वस्तु एवं सेवाकर (GST) व्यवस्था लागू करने से जुड़े चार विधेयकों को मंजूरी दे दी। आपको बता दें कि सरकार 1 जुलाई से देश में GST लागू करना चाहती है।
अब विधानसभाओं में पारित कराना होगा बिल
अब सभी राज्यों को स्टेट जीएसटी विधेयक अपनी-अपनी विधानसभाओं में पारित कराना होगा इसके बाद ही नया जीएसटी कानून लागू किया जा सकेगा।
राज्यसभा में बिना संशोधन के पारित हुए थे चारों विधेयक
राज्य सभा ने पिछले हफ्ते 6 अप्रैल को चार विधेयकों को बिना किसी संशोधन के अपनी मंजूरी दे दी थी। सेंट्रल जीएसटी बिल 2017, केंद्र शासित प्रदेश जीएसटी बिल 2017, एकीकृत जीएसी बिल 2017 और जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) विधेयक 2017 को राज्य सभा ने चर्चा के बाद मंजूरी दे दी थी।
लोकसभा में भी 8 घंटे की चर्चा के बाद मिली थी मंजूरी
लोक सभा ने इन विधेयकों को 29 मार्च को पारित कर दिया था। आठ घंटे चली लंबी परिचर्चा के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जवाब देते हुए यह स्पष्ट किया कि जीएसटी लागू होने से मुद्रास्फीति नहीं बढ़ेगी, जैसा कि कुछ वर्गों द्वारा आशंका जताई जा रही है। उन्होंने कहा कि इससे पूरे देश में एक समान टैक्स व्यवस्था की शुरुआत होगी।
18-19 मई को होगी GST काउंसिल की बैठक
जीएसटी रेट पर 18-19 मई को जीएसटी काउंसिल चर्चा करेगी। जेटली ने कहा कि एक बार नई व्यवस्था लागे हो जाए उसके बाद विभिन्न विभागों द्वारा कारोबारियों को परेशान करने की समस्या स्वत: ही समाप्त हो जाएगी। पूरे देश में एक वस्तु या सेवा के लिए एक जैसा टैक्स होगा।
GST में चार स्तरीय टैक्स का सुझाव
केंद्र और राज्यों की भागीदारी से बनी शक्तिशाली जीएसटी काउंसिल ने चार स्तरीय टैक्स ढांचा का सुझाव दिया है, जो 5,12, 18 और 28 फीसदी है। सबसे ऊंचे कर स्तर पर लग्जरी और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पादों पर उपकर लगाने का भी प्रस्ताव है। इससे जीएसटी लागू होने से राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई पहले पांच साल के लिए करने के लिए राशि जुटाई जाएगी।
जेटली ने कहा कि सभी सरकारों के सहयोग से जीएसटी लागू होने जा रहा है और कोई एक व्यक्ति इसका क्रेडिट नहीं ले सकता। उन्होंने कहा कि यह विधेयक सभी की संयुक्त संपत्ति है। उन्होंने कहा कि जीएसटी के लागू होने से केंद्र, राज्यों, उद्योग और व्यापार सभी को फायदा होगा।
तस्वीरों के जरिए समझिए क्या है GST
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क्या है GST
जीएसटी का पूरा नाम गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) है. यह केंद्र और राज्यों द्वारा लगाए गए 20 से अधिक अप्रत्यक्ष करों के एवज में लगाया जा रहा है। जीएसटी 1 जुलाई से पूरे देश में लागू किया जाना है। जीएसटी लगने के बाद कई सेवाओं और वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स समाप्त हो जाएंगे।
आप किसी भी राज्य में रहते हो, आपको हर सामान एक ही कीमत पर मिलेगा। जैसे अगर दिल्ली में किसी गाड़ी को खरीदा जाता है तो दूसरे राज्यों की अपेक्षा उसकी कीमत भिन्न होती है। यानी जीएसटी के लागू होने से आम आदमी को सस्ता सामान मिलेगा। भारत में वर्ष 2006-07 के आम बजट में पहली बार इसका जिक्र किया गया था। वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले अधिकतर करों को जीएसटी के अंतर्गत लाने का प्रस्ताव है।
GST लागू होते ही केंद्र को मिलने वाली एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स सब खत्म हो जाएंगे। राज्यों को मिलने वाला वैट, मनोरंजन कर, लक्जरी टैक्स, लॉटरी टैक्स, एंट्री टैक्स, चुंगी वगैरह भी खत्म हो जाएगी।