नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर 2016 को लागू किए गए नोटबंदी के फैसले और इससे अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को लेकर अब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी आशंका जाहिर की है। राष्ट्रपति का कहना है कि इस फैसले से अर्थव्यवस्था में कुछ नरमी आ सकती है।
यह भी पढ़े: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा- अर्थव्यवस्था में हुआ सुधार, 7.5 फीसदी ग्रोथ दर हासिल करने की राह पर भारत
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा
प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को कहा, ‘नोटबंदी से जहां कालेधन और भष्ट्राचार के खिलाफ कार्रवाई हो रही है, वहीं इससे अर्थव्यवस्था में अस्थायी रूप से कुछ नरमी आ सकती है। गरीबों की तकलीफों को दूर करने के मामले में हमें ज्यादा सजग रहना होगा, कहीं ऐसा न हो कि दीर्घकालिक प्रगति की उम्मीद में उनकी यह तकलीफ बर्दास्त से बाहर हो जाए।’
पहले भी कई रिपोर्ट्स में जताई गई चिंताएं
- इससे पहले भी कई रिपोर्टों में नोटबंदी की वजह से इकॉनमी की रफ्तार सुस्त होने की आशंका जताई जा चुकी है।
- साथ ही टाटा स्टील सहित कई कंपनियां भी कह चुकी हैं कि इस फैसले से उनका कारोबार प्रभावित हुआ है।
हाल में अमेरिकी अर्थशास्त्री ने भी नोटबंदी पर दिया कड़ा बयान
- अमेरिका के एक प्रमुख अर्थशास्त्री स्टीव एच. हांके ने कहा था कि भारत में ‘नकदी पर हमले’ से जैसी उम्मीद थी, इसने अर्थव्यवस्था को मंदी के रास्ते पर धकेल दिया है।
- हांके ने इसके साथ ही कहा था कि नोटबंदी की वजह से भारत 2017 में आर्थिक वृद्धि के मामले में नेतृत्व के मंच से नीचे खिसक सकता है।
8 नवंबर को हुआ था नोटबंदी का फैसला
- आपको बता दें कि मोदी सरकार ने 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। इस फैसले के पीछे की वजह कालेधन और फर्जी नोटों पर लगाम कसना बताया गया था।