नई दिल्ली। देश में वर्ष 2030 तक 300 जिलों में शहरी गैस नेटवर्क के विस्तार में 1.2 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि शहरों में सीएनजी पंप और रसोई गैस पाइपलाइन नेटवर्क के विस्तार किया जाएगा।
प्रधान ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान 136 भौगोलिक क्षेत्रों में सीएनजी पंप और पाइप नेटवर्क के जरिए घरों तक रसोई गैस पहुंचाने के लिए लाइसेंस वितरित किए जा चुके हैं। इनके क्रियान्वयन से शहरी गैस नेटवर्क 70 प्रतिशत आबादी तक पहुंच जाएगा।
पेट्रोलियम मंत्री यहां शहरी गैस वितरण नेटवर्क के तहत 50 भौगोलिक क्षेत्रों में काम शुरू होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इन भौगौलिक क्षेत्रों के लिए 10वें दौर की बोली के दौरान आवंटन किया गया था। इसमें लाइसेंस पाने वालों में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), अडाणी गैस और भारत गैस प्रमुख हैं।
प्रधान ने कहा कि पांच साल पहले शहरी गैस वितरण (सीजीडी) नेटवर्क 34 भौगोलिक क्षेत्रों तक फैला था जबकि अब यह देश के 406 जिलों को कवर करता हुआ 228 भौगोलिक क्षेत्रों तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा इसी प्रकार पर्यावरण के अनुकूल सीएनजी के खुदरा बिक्री स्टेशनों की संख्या पिछले पांच साल के दौरान 938 से बढ़कर 1,769 तक पहुंच गई और वर्ष 2030 तक यह संख्या 10,000 तक पहुंच जाएगी।
प्रधान ने बताया कि इस दौरान सीएनजी से चलने वाले वाहनों की संख्या भी मौजूदा 34 लाख से बढ़कर दो करोड़ तक पहुंच जाएगी। पाइप के जरिये खाना पकाने की गैस प्राप्त करने वाले घरों की संख्या भी इस दौरान दोगुनी होकर 52 लाख तक पहुंच गई है। वर्ष 2030 तक इस संख्या के पांच करोड़ तक पहुंच जाने का अनुमान है।
पेट्रोलियम क्षेत्र के नियामक पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने पिछले एक साल में शहरी गैस वितरण नेटवर्क के लिए 136 भोगोलिक क्षेत्रों का लाइसेंस जारी किए हैं। इनमें से नौंवें दौर में आवंटित 86 भौगोलिक क्षेत्रों में जहां 70,000 करोड़ रुपए का निवेश करने की प्रतिबद्धता जाहिर की गई है वहीं इस साल मार्च में 10वें दौर में आवंटित 50 भौगोलिक क्षेत्रों में 50,000 करोड़ रुपए की निवेश प्रतिबद्धता जताई गई है।