नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज कहा कि सरकार महंगे होते पेट्रोलियम पदार्थों पर लगातार नजर रखे हुए है और इस बढ़ती कीमतों के बारे में सरकार चिंतित है। अमेरिकन चैम्बर ऑफ कॉमर्स इन इंडिया की वार्षिक आम बैठक से इतर संवाददाताओं से बात करते हुए प्रधान ने कहा कि हम बढ़ती कीमतों से चिंतित हैं। कुछ महीने पहले ही सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी को घटाया था। कुछ राज्यों ने अपने-अपने यहां वैट को भी कम किया था।
प्रधान ने कहा कि टैक्स में दो घटक हैं, एक्साइज ड्यूटी और स्टेट वैट। उपभोक्ताओं के हित में हम पहले ही एक्साइज ड्यूटी को घटा चुके हैं। अब देखते हैं चीजें आगे कैसे काम करती हैं। हमें वित्तीय संतुलन बनाए रखना है। सरकार सामूहिक रूप से और पूरी जागरूकता के साथ इस मामले पर निगरानी रखे हुए है।
दिल्ली में आज पेट्रोल की कीमत 74.63 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 65.93 रुपए प्रति लीटर हो गई है। इसमें पेट्रोल पर कुल टैक्स 35.35 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 25.04 रुपए प्रति लीटर है। प्रधान ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के तहत जरूरी लाएगी और इस पर जल्द ही फैसला होगा।
पेट्रोलियम मंत्रालय का यह मानना है कि पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के तहत लाया जाना चाहिए। लेकिन इसका निर्णय केवल जीएसटी परिषद ही कर सकती है। मुझे पूरा भरोसा है कि वे जल्द से जल्द इस पर निर्णय लेंगे। पेट्रोल और डीजल कीमतों में आ रही तेजी के बारे में बताते हुए प्रधान ने कहा कि ओपेक द्वारा उत्पादन घटाने का फैसला करने, वेनेजुएला का तेल उत्पादन को कम रखना, ईरान पर प्रतिबंध और सीरिया मामले की वजह से भू-राजनैतिक तनाव और तेल की कीमतें बढ़ी हैं। प्रतिदिन दाम बढ़ रहे हैं, जिसका असर भारतीय बाजार पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत उपभोक्ता देशों जैसे चीन, दक्षिण कोरिया और जापान के साथ मिलकर उत्पादक देशों के साथ सस्ते क्रूड ऑयल के लिए बातचीत करने की योजना पर काम कर रहा है।