नई दिल्ली। वित्तीय समावेशन के लिए शुरू किए गए राष्ट्रीय मिशन प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) को लागू हुए छह साल पूरे हो गए हैं। प्रधानमंत्री जन धन योजना की छठवीं वर्षगांठ पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी उपलब्धियों की जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि पीएमजेडीवाई के तहत अब तक 40.35 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को बैंकिंग सेवा से जोड़ा गया है और इन खातों में कुल 1.31 लाख करोड़ रुपए जमा हैं।
उन्होंने बताया कि 63.6 प्रतिशत ग्रामीण पीएमजेडीवाई खाते हैं, जबकि 55.2 प्रतिशत खाते महिलाओं के नाम पर हैं। पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत अप्रैल से जून 2020 के दौरान महिला पीएमजेडीवाई खाताधारकों के खातों में कुल 30,705 करोड़ रुपए जमा किए गए हैं। सीतारमण ने बताया कि लगभग 8 करोड़ पीएमजेडीवाई खाताधारक सरकार से विभिन्न योजनाओं के तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्राप्त कर रहे हैं।
28 अगस्त, 2014 को शुरू हुई प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) एक महत्वपूर्ण पहल है, जो दुनिया में सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहलों में से एक है। केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीएमजेडीवाई की छठी वर्षगांठ पर इस योजना के महत्व को दोहराते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना मोदी सरकार के जन केंद्रित आर्थिक कार्यक्रमों की बुनियाद रही है। चाहे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण हो अथवा कोविड-19 संबंधी वित्तीय सहायता, पीएम-किसान, मनरेगा के तहत मजदूरी में वृद्धि, जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा कवर, प्रत्येक वयस्क को बैंक खाता प्रदान करने के लिए उठाया गया पहला कदम था, जिसे पीएमजेडीवाई ने लगभग पूरा कर लिया है।
वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पीएमजेडीवाई बैंकिंग सुविधा से वंचित लोगों को बैंकिंग प्रणाली के तहत लाई है। साथ ही इसने भारत के वित्तीय ढ़ांचे का विस्तार किया है और 40 करोड़ से अधिक खाताधारकों को वित्तीय समावेशन के दायरे में लाई है। इसके लाभार्थियों में से अधिकांश महिलाएं हैं और अधिकतर खाते ग्रामीण भारत से हैं। इसका एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि पीएम जन धन खातों के माध्यम से डीबीटी ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रत्येक रुपया निर्धारित लाभार्थी तक पहुंच जाए और उसमें कोई गड़बड़ी न होने पाए।
पीएमजेडीवाई का उद्देश्य किफायती मूल्य पर वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना एवं लागत घटाने और पहुंच को व्यापक बनाने के लिए प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना है।
योजना के मूल सिद्धांत:
- बैंकिंग पहुंच से दूर रहने वाले लोगों को बैंकिंग प्रणाली में शामिल करना - न्यूनतम कागजी कार्रवाई के साथ मूल बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खाता खोलना।
- 2 लाख रुपए के मुफ्त दुर्घटना बीमा कवरेज के साथ नकद निकासी और भुगतान के लिए स्वदेशी डेबिट कार्ड जारी करना।
- सूक्ष्म बीमा, उपभोग के लिए ओवरड्राफ्ट, माइक्रो-पेंशन और माइक्रो-क्रेडिट जैसे अन्य वित्तीय उत्पाद
विशेषताएं
- बैंकिंग सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच।
- प्रत्येक परिवार को 10,000 रुपए की ओवरड्राफ्ट सुविधा के साथ मूल बचत बैंक खाता।
- बचत को बढ़ावा देना, एटीएम का उपयोग, ऋण के लिए तैयार होना, बीमा एवं पेंशन का लाभ उठाना, बैंकिंग के लिए बेसिक मोबाइल फोन का उपयोग करना।
- क्रेडिट गारंटी फंड तैयार करना- डिफॉल्ट होने की स्थिति में बैंकों को कुछ गारंटी प्रदान करना।
- असंगठित क्षेत्र के लिए पेंशन योजना।
- यह योजना प्रत्येक परिवार के बजाय अब प्रत्येक वयस्क को बैंकिंग प्रणाली के दायरे में लाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
- रूपे कार्ड बीमा – 28 अगस्त 2018 के बाद खोले गए पीएमजेडीवाई खातों के लिए रूपे कार्ड पर मुफ्त दुर्घटना बीमा कवर को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया गया।
ओवरड्राफ्ट सुविधा
- ओवरड्राफ्ट सीमा को 5,000 रुपए से दोगुना करते हुए 10,000 रुपए किया गया, 2,000 रुपए तक ओवरड्राफ्ट (बिना शर्त)।
- ओवरड्राफ्ट के लिए ऊपरी आयु सीमा को 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष किया गया।