नयी दिल्ली। केन्द्रीय इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने देश में चिकित्सा आक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के मुद्दे पर मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। कोराना वायरस मरीजों के इलाज के लिये तरल चिकित्सा आक्सीजन (एलएमओ) एक महत्वपूर्ण चिकित्सा आवश्यकता है। इस्पात मंत्रालय ने लगातार किये गये कई ट्वीट में इस्पात मंत्री की मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बारे में जानकारी दी।
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बैठक में देश के इस्पात संयंत्रों से अस्पतालों में काम आने वाले आक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने को लेकर चर्चा की गई। मंत्रालय ने कहा है कि प्रधान के कहने पर इस्पात संयंत्रों में काम करने वाले आक्सीजन संयंत्रों में 24 घंटे काम हो रहा है ताकि उनमें चिकित्सा आक्सीजन का उत्पादन किया जा सके। एक अन्य ट्वीट में मंत्रालय ने कहा कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के इस्पात संयंत्रों में काम करने वाले 28 आक्सीजन संयंत्रों से 1,500 टन चिकित्सा आक्सीजन की प्रतिदिन आपूर्ति की जा रही है।
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मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा 30 हजार टन अतिरिक्त स्टाक भी चिकित्सा इसतेमाल के लिये उपलब्ध कराया जा रहा है। महामारी की शुरुआत के बाद से इस्पात कारखाने अब तक कुंल मिलाकर 1,30,000 टन चिकित्सा आक्सीजन की आपूर्ति कर चुके हैं।