नई दिल्ली। सैलरीड क्लास की चिंता दूर करते हुए सरकार ने आज कहा कि पीपीएफ का पैसा निकालने पर टैक्स नहीं लगेगा। बजट प्रस्तावों के तहत सिर्फ कर्मचारियों द्वारा एक अप्रैल के बाद कर्मचारी भविष्य निधि कोष (ईपीएफ) में किए गए योगदान पर जो ब्याज मिलेगा, वही टैक्स के दायरे में होगा और जबकि मूल राशि पर छूट बरकरार रहेगी। सरकार ने कहा कि सिर्फ 20 फीसदी कर्मचारी इसके दायरे में आएंगे, जिनकी सैलरी ज्यादा है।
सिर्फ ज्यादा लैसरी वीले 20 फीसदी कर्मचारियों पर होगा असर
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि ईपीएफ का पैसा निकालने के समय उसके 60 फीसदी हिस्से को कर के दायरे में लाने के प्रस्ताव से केवल 20 फीसदी ऐसे कर्मचारी ही टैक्स के दबाव में आएंगे जो उच्च वेतन पाते हैं। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल 2016 के बाद भविष्य निधि में किए गए योगदान पर जो ब्याज जमा होगा, उस पर ही कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है। अधिया ने कहा मूल राशि पर कर नहीं लगेगा और इसकी निकासी पर कर छूट बकरार रहेगी।
40 फीसदी पर नहीं लगेगा टैक्स
हसमुख अधिया ने कहा, एक अप्रैल के बाद योजना पर जो ब्याज अर्जित होगा उसके 40 फीसदी पर टैक्स नहीं लगेगा, शेष 60 फीसदी पर ही टैक्स लगेगा। उन्होंने कहा कि यदि इस 60 फीसदी का निवेश भी पेंशन एन्विटी योजनाओं में टैक्स दिया गया तो इस पर टैक्स छूट होगी। सचिव ने कहा, यह कोई राजस्व संग्रह का उपाय नहीं है। अधिया ने कहा, कि पीपीएफ के किसी हिस्से पर कर नहीं लगाया गया है और 1.5 लाख रुपए तक की मौजूदा निवेश योजना पर कर छूट बरकरार रहेगी। पीपीएफ की निकासी कर दायरे से बाहर होगी।