नई दिल्ली। बिजली मंत्री आर के सिंह ने बिजली बचाने के उद्देश्य के साथ ग्राहकों से अपने एयर कंडीशनर (एसी) को औसत तापमान 24 डिग्री पर चलाने का आग्रह किया है। मंत्री ने एसी के बढ़ते उपयोग के साथ बिजली की बढ़ती मांग के बीच यह बात कही है।
मंत्रालय के अनुसार एसी को अगर 24-25 डिग्री सेल्सियस तापमान पर चलाया जाता है, उससे बिजली बिल में उल्लेखनीय बचत हो सकती है। एसी के एक प्रतिशत तापमान बढ़ाने से कुल बिजली खपत में 6 प्रतिशत की कमी आती है। इस दिशा में पहल करते हुए सिंह ने केंद्र सरकार के मंत्रालयों, सार्वजनिक उपक्रमों/विभागों को पत्र लिखकर एसी को 24-25 डिग्री पर चलाने को कहा है।
मंत्री ने कहा कि आमतौर पर कमरे का तापमान 20-21 डिग्री तय किया जाता है, जबकि आरामदायक स्थिति के हिसाब से आर्द्रता, हवा प्रवाह आदि को ध्यान में रखते हुए तापमान 24-25 के बीच नियत किया जाना चाहिए। बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाला ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) के अनुमान के अनुसार एसी का तापतान केवल एक डिग्री बढ़ाने से हम करीब 6 प्रतिशत बिजली बचा सकते हैं। इससे ग्राहकों के बिजली बिल में काफी कमी आएगी।
सिंह ने कहा कि हमने कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबद्धता जताई है। हमने पेरिस समझौते के तहत राष्ट्रीय स्तर पर स्वयं से निर्धारित प्रतिबद्धता (एनडीसी) के अनुसार यह सुनिश्चित करना है कि 2030 तक भारत प्रति इकाई जीडीपी उत्सर्जन गहनता स्तर में 2005 के स्तर से एक तिहाई कमी लाए। इसमें ऊर्जा दक्षता को अहम भूमिका निभानी है।
उन्होंने कहा कि देश में कुल बिजली ख्पत में इमारतों की हिस्सेदरी 30 प्रतिशत से अधिक है। इसमें सरकारी इमारतें बिजली खपत के सबसे बड़े स्रोत हैं। मंत्री ने कहा कि सरकार ऊर्जा की सबसे बड़ी उपयोगकर्ता के रूप में बिजली के कुशल उपयोग के जरिये राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने की जरूरत को मानती है। इससे सरकार की ऊर्जा खपत और परिचालन लागत में कमी आएगी।
उन्होंने कहा कि एसी को 24-25 डिग्री सेल्सियस पर उपयोग से बिजली खपत के साथ ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी आएगी। इससे देश उत्सर्जन में कमी लाने को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर स्वयं से निर्धारित प्रतिबद्धता को पूरा करने में सफल होगा। बीईई के दिशा-निर्देश के अनुसार एसी को 20 डिग्री के बजाये 24 डिग्री पर चलाया जाए तो इससे करीब 24 प्रतिशत बिजली की बचत होगी। कुल मिलाकर देश करीब 23 अरब यूनिट बिजली की बचत कर सकता है।