नयी दिल्ली। बिजली का वितरण करने वाली कंपनियों यानी डिस्कॉम पर बिजली उत्पादन कंपनियों का कुल बकाया सितंबर 2019 में एक साल पहले के इसी माह के मुकाबले 37 प्रतिशत बढ़कर 69,558 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इससे बिजली क्षेत्र पर दबाव का पता चलता है।
वेब पोर्टल और भुगतान पुष्टि एवं उत्पादकों की बिल-प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने हेतु बिजली खरीद विश्लेषण एप 'प्राप्ति' के अनुसार सितंबर, 2018 तक वितरण कंपनियों पर बिजली उत्पादन कंपनियों का कुल बकाया 50,583 करोड़ रुपए था। इस पोर्टल को मई, 2018 में शुरू किया गया था।
इसका मकसद उत्पादों और वितरण कंपनियों के बीच बिजली खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना था। इस साल सितंबर में उत्पादक कंपनियों द्वारा भुगतान के लिये दी जाने वाली 60 दिन की 'छूट' अवधि के बाद वितरण कंपनियों पर बकाया राशि 52,408 करोड़ रुपए थी, जो इससे पिछले साल इसी महीने में 34,658 करोड़ रुपए थी।
बिजली उत्पादक कंपनियां डिस्कॉम को बिजली आपूर्ति बिलों के भुगतान के लिए 60 दिन का समय देते हैं। उसके बाद यह राशि समय पर नहीं चुकाई गई बकाया राशि की श्रेणी में आ जाती है और उत्पादक कंपनियां ज्यादातर मामलों में जुर्माने के रूप में ब्याज भी वसूलती हैं।
बिजली उत्पादक कंपनियों को राहत के लिए केंद्र सरकार ने एक अगस्त से भुगतान सुरक्षा व्यवस्था लागू की है। इसके तहत डिस्कॉम को बिजली आपूर्ति पाने के लिए ऋण पत्र की जरूरत होगी। अगस्त, 2019 में डिस्कॉम पर कुल बकाया 80,087 करोड़ रुपए था। इसमें से 60,935 करोड़ रुपए का बकाया ऐसा था जो बिजली कंपनियां समय पर चुका नहीं पाई थीं।