नई दिल्ली। देश में बिजली की मांग चालू वित्त वर्ष में सालाना आधार पर छह प्रतिशत बढ़ेगी। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने मंगलवार को यह अनुमान लगाया है। इक्रा का अनुमान है कि इस दौरान बिजली उत्पादन क्षमता की वृद्धि अनुमानत: 17 से 18 गीगावॉट होगी। इक्रा ने बयान में कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में बिजली की मांग अनुकूल तुलनात्मक आधार , दूसरी लहर के सीमित असर तथा टीकाकरण कार्यक्रम में तेजी की वजह से सालाना आधार पर छह प्रतिशत बढ़ेगी।’’
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 2021-22 के पहले दो माह में लॉकडाउन की वजह से बिजली की मांग मार्च, 2021 की तुलना में सुस्त पड़ी थी। हालांकि, मई के दूसरे पखवाड़े से कोविड-19 संक्रमण के नए मामलों में कमी से जून में बिजली की मांग सुधरी है। माह-दर-माह आधार पर इसमें 3.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रेटिंग एजेंसी ने हालांकि कहा कि यदि संक्रमण के मामले फिर बढ़ने से प्रतिबंध लगते हैं, तो इससे बिजली की मांग के नीचे की ओर जाने का जोखिम बना रहेगा। इक्रा ने कहा कि उसका अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में देश की बिजली उत्पादन क्षमता में 17 से 18 गीगावॉट की बढ़ोतरी होगी। 2020-21 के 12.8 गीगावॉट की तुलना में यह 45 प्रतिशत अधिक है। इसमें मुख्य योगदान नवीकरणीय ऊर्जा का रहेगा। नवीकरणीय ऊर्जा की 38 गीगावॉट की परियोजनाएं विकास के चरण में हैं।
सरकार के अनुसार देश में बिजली खपत जुलाई के पहले सप्ताह में पिछले साल इसी अवधि के मुकाबले करीब 18 प्रतिशत बढ़कर 30.33 अरब यूनिट रही और कोविड-19 से पहले के स्तर पर पहुंच गई। बिजली खपत पिछले वर्ष जुलाई के पहले सप्ताह में 25.72 अरब यूनिट थी। वही 2019 जुलाई के पहले सप्ताह में देश में बिजली खपत 26.63 अरब यूनिट दर्ज की गई थी। इसका मतलब है कि बिजली खपत सालाना आधार पर न केवल बढ़ी है बल्कि कोविड महामारी से पहले के स्तर पर भी पहुंच गई है। मंत्रालय के अनुसार जुलाई 2020 में बिजली खपत 112.14 अरब यूनिट थी। जबकि 2019 जुलाई की बिजली 116.48 अरब यूनिट थी।