नई दिल्ली। जमीनी हकीकत चाहे जो भी हो सरकार के मुताबिक देश में बिजली की परेशानी कम हुई है। सरकार ने कहा कि देश में बिजली की कमी और घट गई है और पिछले डेढ़ साल में अतिरिक्त 29,168 मेगावाट उत्पादन क्षमता जोड़ी गई है। इसके कारण देश में बिजली की कमी घटकर अब तक के सबसे निचले स्तर 2.4 फीसदी पर आ गई है।
देश में बढ़ा बिजली उत्पादन
कोयला, बिजली और नवीन व अक्षय उर्जा क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए सरकार ने कहा कि देश ने इस अवधि में अब तक की सर्वाधिक 29,168 मेगावाट की उत्पादन क्षमता जोड़ी है। अभी तक तीन करोड़ से अधिक उर्जा दक्ष एलईडी बल्ब भी वितरित किए गए हैं। इससे पहले मई में सरकार ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद से 22,566 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता जोड़ी गई है।
ट्रांसमिशन लाइन क्षमता रिकॉर्ड स्तर पर
बिजली और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि बिजली की कमी अब तक इतिहास में सबसे कम 3.6 फीसदी पर आ गई है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक बिजली की ट्रांसमिशन लाइन क्षमता 37,821 सर्किट किलोमीटर बढ़ी है, जो कि अब का उच्चतम स्तर है। वहीं, सोलर पावर की कीमत 4.63 रुपए प्रति यूनिट रह गई है। इसके अलावा, कोल इंडिया की खदानों से सप्लाई अप्रैल-अक्टूबर के दौरान 9.9 फीसदी बढ़ी है।
7 साल में पांच गुना होगा रिन्युएबल एनर्जी उत्पादन
सरकार 2022 तक रिन्युएबल एनर्जी की क्षमता को पांच गुना बढ़ाकर 175,000 मेगावाट करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। कुल 1,75,000 मेगावाट में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी (1 लाख मेगावाट) सोलर पावर की होगी। 60,000 मेगावाट विंड एनर्जी से जुटाएगी, बायोमास एनर्जी से 10,000 मेगावाट और हाइड्रो प्रोजेक्ट्स से 5,000 मेगावाट एनर्जी जुटाने की योजना है।