नई दिल्ली। केंद्रीय पूल से कोयले की आपूर्ति में कमी के चलते जल्द ही दक्षिण भारत के राज्यों में भी बिजली का संकट खड़ा हो सकता है। दक्षिण के राज्यों के पास औसत 4 से 7 दिन तक का कोयला भंडार बचा है। अगर इन राज्यों को कोयले की वांछित आपूर्ति नहीं हो पाई तो अगले 4-5 दिनों में लोगों को भारी परेशानी हो सकती है।
सबसे पहले कर्नाटक की बात करते हैं, इस संकट को भांपते हुए राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने केंद्र सरकार से राज्य को प्रतिदिन 14 रेक कोयला आवंटित करने की मांग की है, 1 रेक में 4000 टन कोयला आता है। राज्य में तीन थर्मल पॉवर स्टेशन रायचूर, बल्लारी और एरमरस में हैं। इन तीन स्टेशन से प्रतिदिन तकरीबन 5020 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होता है। इसके लिए प्रतिदिन 11 रेक कोयले की जरूरत होती है। कर्नाटक में फिलहाल 6 से 10 रेक कोयले की आपूर्ति हो रही है, जिसके चलते तीनों संयंत्रों में कोयला भंडार का इस्तेमाल शुरू हो गया है। अगर अगले 3-7 दिनों में सेंट्रल पूल से आवश्यक कोयला नहीं मिला तो राज्य में बिजली का संकट खड़ा हो जाएगा। इस संकट के बीच कर्नाटक के लिए राहत की बात ये है कि पिछले 10 दिनों में राज्य में अच्छी बारिश हुई है, जिसके चलते हाइडल संयत्रों में बिजली का उत्पादन बढ़ा है।
तमिलनाडु
तमिलनाडु में आम तौर पर 2 से 3 सप्ताह तक का कोयले का रिजर्व स्टॉक रहता है लेकिन कोयले की आपूर्ति में आई कमी के चलते फिलहाल 4 से 5 दिन का रिजर्व ही बचा है। कुल 4320 मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाले चेन्नई, मेट्टूर और तूतीकोरिन के 3 पॉवर स्टेशन में 3 से 5 दिन का रिजर्व स्टॉक बचा है। अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा आपूर्ति के मद्देनजर 10 दिन तक बिना अवरोध के बिजली की आपूर्ति की जा सकती है लेकिन इसके बाद परेशानी हो सकती है।
आंध्रप्रदेश
आंध्रप्रदेश में दिक्कत ज्यादा है, यहां वांछित 70,000 टन कोयले की तुलना में आपूर्ति सिर्फ 40,000 टन की ही हो रही है। पिछले सप्ताह कोयले की कमी की वजह से 3 पॉवर स्टेशन को बंद करना पड़ा, फिलहाल आन्ध्र प्रदेश के पास सिर्फ 2 दिन का स्टॉक बचा है। सूबे के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने केंद्र सरकार से तत्काल कोयला आपूर्ति की अपील की है।
केरल
केरल की सरकार हालात पर पैनी नज़र बनाए हुए है। आम लोगों से अपील की गई है कि वे सोच समझकर बिजली खर्च करें नहीं तो भविष्य में संकट आ सकता है। शाम के समय जिसे पीक ऑवर्स कहा जाता है केरल में 120 से 200 मेगावॉट बिजली की शॉर्टेज हो रही है। अधिकारियों के मुताबिक मौजूदा स्टॉक से फिलहाल आपूर्ति संभव है, लेकिन अगर ये दिक्कत लंबे समय तक चली तो सरकार को कुछ सख्त कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ेगा।
तेलंगाना
तेलंगाना में फिलहाल हालात काबू में हैं। केंद्र सरकार के निर्देश पर यहां मौजूद सिंगरेनी कोयला खदान से प्रतिदन 30 की बजाये 34 रैक कोयले का उत्पादन और आपूर्ति की जा रही है, ताकि पड़ोसी राज्य आंध्रप्रदेश की मदद की जा सके।
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