नई दिल्ली। देश में बिजली की खपत में पिछले साल के मुकाबले बढ़त देखने को मिली है। आंकड़ों के मुताबिक बिजली खपत जून के दौरान पिछले साल जून के मुकाबले करीब 10 प्रतिशत बढ़कर 115.39 अरब यूनिट रही। हालांकि ये अभी भी कोविड के पहले के स्तर से नीचे है। बिजली की खपत में ये बढ़त देश के कुछ हिस्सों में मॉनसून में देरी की वजह से दर्ज हुई है।
विद्युत मंत्रालय के अनुसार देश में जून 2020 में कोविड के कारण लगाए गए कड़ी प्रतिबंधों के दौरान बिजली की खपत 105.08 अरब यूनिट रह गयी थी। सुधार के बावजूद जून 2021 में बिजली की खपत जून 2019 में 117.98 अरब यूनिट बिजली की खपत की तुलना में कम है। मासिक आधार पर जून में बिजली खपत मई के 110.17 अरब यूनिट बिजली खपत के मुकाबले 4.7 प्रतिशत बढ़ी है। विषेशज्ञों के अनुसार इस साल जून में बिजली की मांग और खपत में सुधार उतना धीमा नहीं रहा, जितना कि महीने के दूसरे पखवाड़े में मॉनसून के जल्दी शुरू होने के अनुमान को देखते हुए लगाया गया था। उन्होंने कहा कि यदि मौसम पूर्वानुमान के अनुसार मानसून सामान्य समय से पहले ही पूरे देश को कवर कर चुका होता, तो बिजली खपत इससे धीमी बढ़त देखने को मिलती।
विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड के नए मामलों में कमी और प्रतिबंधों में ढील से बिजली की वाणिज्यिक और औद्योगिक मांग में जुलाई के बाद से बढ़ोतरी हो सकती है। पूर्व केंद्रीय ऊर्जा सचिव एस एन सहाय ने बुधवार को ट्वीट किया, "30 जून को बिजली की मांग 191,243 मेगावाट यूनिट के साथ, 31 जनवरी 2021 के 189,644 मेगावाट यूनिट के स्तर को पार कर गई।" नए आंकड़ों के अनुसार 30 जून, 2021 को देश में बिजली की खपत 438.4 करोड़ यूनिट (एमयू) दर्ज की गई, जो कि अब तक सबसे अधिक दैनिक बिजली खपत है।