नई दिल्ली। सरकारी से प्राइवेट कंपनी बनने की प्रक्रिया से गुजर रही भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) के 7.3 करोड़ रसोई गैस उपभोक्ताओं के बीच इस समय एक बड़ी चिंता सब्सिडी को लेकर है। उपभोक्ताओं को समझ नहीं आ रहा है कि प्राइवेट हाथों में जाने के बाद बीपीसीएल के एलपीजी सिलेंडर पर सरकार द्वारा दी जाने वाले सब्सिडी मिलेगी या नहीं। बीपीसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को इन सभी शंकाओं का समाधान करते हुए बताया कि बीपीसीएल के नए मालिक को अधिग्रहण के तीन साल बाद यह निर्णय लेने का अधिकार होगा कि वह सब्सिडी वाले एलपीजी की बिक्री जारी रखना चाहता है या नहीं। उन्होंने कहा कि सरकारी सब्सिडी को जारी रखने के लिए इस अवधि में बीपीसीएल के एलपीजी उपभोक्ताओं को एक नई इकाई में स्थानांतरित किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा कि यदि बीपीसीएल का नया मालिक एलपीजी बिक्री के कारोबार को जारी नहीं रखना चाहेगा, तब उस स्थिति में उसके रसोई गैस एलपीजी उपभोक्ताओं को अन्य सार्वजनिक कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) में स्थानांतरित किया जाएगा। सरकार बीपीसीएल के निजीकरण के बाद भी इसके 7.3 करोड़ घरेलू रसोई गैस उपभोक्ताओं को सब्सिडी उपलब्ध कराती रहेगी। सब्सिडी पर उत्पन्न शंका के समाधान के लिए सरकार ने बीपीसीएल के एलपीजी कारोबार को एक नई रणनीतिक कारोबारी इकाई (SBU) में स्थानांतरिक करने का फैसला लिया है।
अधिकारी ने बताया कि इस नई रणनीतिक इकाई को सब्सिडी प्राप्त होने और यूजर एकाउंट में डिजिटल तरीके से ट्रांसफर सहित सभी रिकॉर्ड को संभाल कर रखना होगा। खातों में कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए इनका ऑडिट भी किया जाएगा।
रातों रात बंद नहीं होगी सब्सिडी
अधिकारी ने कहा कि बीपीसीएल के एक पुरानी और बड़ी कंपनी है और इसके उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी का भुगतान रातों रात नहीं रोका जा सकता है। बीपीसीएल से सरकार की हिस्सेदारी खत्म होने के तीन साल तक नया मालिक इसकी किसी संपत्ति या रणनीतिक कारोबारी इकाई को बेच नहीं सकेगा। तीन साल बाद, नए मालिक को एलपीजी कारोबार से जुड़े निर्णय लेने का अधिकार होगा।
एक साल में मिलते हैं 12 सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर
सरकार एक साल में प्रत्येक परिवार को 14.2 किग्रा वाले 12 रसोई गैस सिलेंडर सब्सिडी रेट पर उपलब्ध कराती है। दिसंबर माह के लिए प्रति सिलेंडर पर सब्सिडी लगभग 50 रुपये है। इस सब्सिडी का भुगतान उपभोक्ता के सीधे बैंक खाते में किया जाता है। सब्सिडी का भुगतान अग्रिम होता है और उपभोक्ता इसका उपयोग एलपीजी सिलेंडर को बाजार मूल्य पर खरीदने के लिए करते हैं।
पहले की तरह मिलती रहेगी सब्सिडी
27 नवंबर को तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि बीपीसीएल के निजीकरण के बाद भी इसके उपभोक्ताओं को सरकारी सब्सिडी मिलना जारी रहेगी। प्रधान ने कहा था कि एलपीजी सब्सिडी का भुगतान सभी पात्र उपभोक्ताओं को उनके बैंक खाते में सीधे किया जाता है। ऐसे में इस बात का कोई असर नहीं पड़ता कि सर्विस देने वाली कंपनी सार्वजनिक है या प्राइवेट।
सरकार बेच रही है अपनी पूरी हिस्सेदारी
सरकार बीपीसीएल में अपनी संपूर्ण 53 प्रतिशत हिस्सेदारी प्रबंधन नियंत्रण के साथ बेच रही है। बीपीसीएल के नए मालिक को भारत की ऑयल रिफाइनिंग क्षमता में 15.33 प्रतिशत और तेल विपणन बाजार में 22 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल होगी। बीपीसीएल के वर्तमान में 17,355 पेट्रोल पंप, 6159 एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर एजेंसी और 61 एविएशन फ्यूल स्टेशन हैं।