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First time in the Century: चीन से ज्‍यादा है भारत में प्रदूषण, दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में 13 भारत के

एयर पॉल्‍यूशन के मामले में साल 2015 में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। औसत पर्टीकुलैट मैटर एक्‍सपोजर चीन की तुलना में भारत में सबसे ज्‍यादा है।

Dharmender Chaudhary
Updated : February 23, 2016 11:28 IST
First time in the Century: चीन से ज्‍यादा है भारत में प्रदूषण, दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में 13 भारत के
First time in the Century: चीन से ज्‍यादा है भारत में प्रदूषण, दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में 13 भारत के

नई दिल्‍ली। एयर पॉल्‍यूशन के मामले में साल 2015 में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। औसत पर्टीकुलैट मैटर एक्‍सपोजर चीन की तुलना में भारत में सबसे ज्‍यादा है और ऐसा 21वीं शताब्‍दी में पहली बार हुआ है। ग्रीनपीस ने नासा के सैटेलाइट डाटा के विश्‍लेषण पर यह बात कही है। भारतीय नागरिकों का औसत पर्टीकुलैट मैटर एक्‍सपोजर चीनी नागरिकों की तुलना में अधिक रहा है।

ग्रीनपीस इंडिया ने अपने एक बयान में कहा है कि चीन द्वारा उठाए गए कठोर कदमों से सालाना आधार पर वहां एयर क्‍वालिटी में सुधार आया है, जबकि इसके विपरीत भारत का पॉल्‍यूशन लेवल पिछले 10 सालों में बढ़ते हुए रिकॉर्ड स्‍तर पर पहुंच गया है। वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्‍ल्‍यूएचओ) के मुताबिक, दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 शहर भारत के हैं, सबसे ज्‍यादा एयर पॉल्‍यूशन नॉर्थ इंडिया में है।

17 में से 15 शहर है प्रदूषित

ग्रीनपीस ने अपने नेशनल एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स रैंकिंग रिपोर्ट में कहा है कि 17 भारतीय शहरों में से 15 शहरों में एयर पॉल्‍यूशन तय भारतीय मानकों से कही ज्‍यादा है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पूरे भारत में 32 स्‍टेशन में से 23 स्‍टेशन पर एयर पॉल्‍यूशन राष्‍ट्रीय मानक से 70 फीसदी ज्‍यादा है, इससे यहां के लोगों का स्‍वास्‍थ्‍य जोखिम में है।

सरकार को उठाने होंगे कड़े कदम

ग्रीनपीस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एयर पॉल्‍यूशन से लड़ने के लिए सबसे महत्‍वपूर्ण पहलू है कि पब्लिक डोमेन में एयर पॉल्‍यूशन को रोकने के लिए एक मजबूत सिस्‍टम बनाया जाए, जो लोगों को अपने स्‍वास्‍थ्‍य की रक्षा के लिए लोगों को अधिकार दे और सरकार खराब दिनों में रेड अलर्ट जारी करे तथा लंबी अवधि को ध्‍यान में रखते हुए नीति बनाए। 2005 तक सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि भारत का पॉल्‍यूशन, जो कि बहुत गंभीर था, ईस्‍टर्न चीन की तुलना में बहुत कम था। 2015 में भारत का एयर पॉल्‍यूशन चीन से ज्‍यादा हो गया है। पिछले एक दशक में भारत में पॉल्‍यूशन औसतन 2 फीसदी की दर से बढ़ा है।

चीन ने ऐसे कम किया पॉल्‍यूशन

एनजीओ ने कहा है कि 2005 से 2011 के दौरान चीन में पॉल्‍यूशन 20 फीसदी की अनुमानित दर से बढ़ा था। ऐसा जीवाश्‍म ईंधन पर अधिक निर्भरता के कारण हुआ, तब चीन की स्थिति स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति काफी घातक हो गई थी। हालांकि, 2013 में चीन ने कठोर नीतियों और सख्‍त कानून के साथ एक कम्‍प्रेहेंसिव नेशनल एक्‍शन प्‍लान लागू किया, तब से चीन का पॉल्‍यूशन लगातार कम हो रहा है। 2015 में चीन का पॉल्‍यूशन 2014 की तुलना में 15 फीसदी कम हुआ है।

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