नई दिल्ली। राजनीतिक दलों को एक व्यक्ति से 2000 रुपए नगद चंदा लेने की सीमा तय करने के बाद सरकार अब इनकम टैक्स कानून में संशोधन कर हर साल दिसंबर में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने को अनिवार्य करने जा रही है। ऐसा न करने वाले दलों को टैक्स में मिली छूट का दर्जा समाप्त होने का जोखिम होगा।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि,
राजनीतिक दलों को हर साल दिसंबर तक आयकर विवरण देना अनिवार्य होगा अन्यथा उन्हें टैक्स में मिली छूट समाप्त होने का जोखिम है।
- अधिया ने बताया कि राजनीतिक पार्टियों को चुनावी बांड के जरिए मिला चंदा गोपनीय होगा, चंदा देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी।
- चुनावी बांड के जरिये चंदा देने वालों की पहचान गुप्त रखने के लिए वित्त विधेयक से जनप्रतिनिधित्व अधिनियम को संशोधित किया जाएगा।
- अधिया ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को इनकम टैक्स से छूट जारी रहेगी, लेकिन आधे से अधिक दल इनकम टैक्स रिटर्न समय पर फाइल नहीं करते हैं।
- राजनीतिक पार्टियों के वित्त पोषण को पारदर्शी बनाने के लिए बजट 2017-18 में फाइनेंस बिल के जरिये कानून में संशोधन कर हर साल दिसंबर में आईटीआर फाइल करने को अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
- उदाहरण के लिए निर्धारण वर्ष 2018-19 (एक अप्रैल 2017 से शुरू होने वाला वित्त वर्ष) के लिए रिटर्न 31 दिसंबर 2018 तक भरना अनिवार्य होगा।
- यदि राजनीतिक पार्टियों ने दिसंबर अंत तक अपना रिटर्न फाइल नहीं किया तो उन्हें मिली टैक्स छूट की सुविधा समाप्त हो जाएगी।
- सरकार पहले नोटिस देगी और बाद में उन्हें मिली छूट की सुविधा समाप्त कर दी जाएगी।
- इसके जरिये सरकार कठोर अनुशासन लाना चाहती है।
- पिछले दो सालों के अनुभव के आधार पर 50 फीसदी दलों ने समय पर अपना आईटीआर जमा नहीं कराया है।
- ये बहुत छोटी पार्टियां हैं, जो रिटर्न फाइल करने के बारे में ज्यादा चिंता नहीं करती हैं।
- अधिया ने कहा कि अब इन पार्टियों को दिसंबर अंत तक ऑडिटेड रिटर्न फाइल कराना होगा, अन्यथा उन्हें छूट नहीं मिलेगी।