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व्हाट्सएप के नए पॉलिसी अपडेट को लेकर मन में हैं सवाल? पढ़िए आज क्या दी है कंपनी ने सफाई

व्हाट्सऐप ने कहा कि उसकी सेवा जारी रखने के लिए यूजर्स को आठ फरवरी 2021 तक नई शर्तों और नीति को स्वीकार करना होगा। इसके बाद कंपनी के इस कदम पर सवाल उठने लगे हैं. कारोबारी संगठन और कई दिग्गज कारोबारियों ने प्लेटफॉर्म छोड़ने की भी बात कही है

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: January 12, 2021 17:07 IST
Have questions in mind about the new policy update of WhatsApp? Read what the company has given toda- India TV Paisa
Photo:PTI

Have questions in mind about the new policy update of WhatsApp? Read what the company has given today, व्हाट्सऐप ने कहा कि उसकी सेवा जारी रखने के लिए यूजर्स को आठ फरवरी 2021 तक नई शर्तों और नीति को स्वीकार करना होगा। 

नई दिल्ली। व्हाट्सअप के पॉलिसी अपडेट को लेकर विरोध के सुर उठने के बाद कंपनी ने आज अपनी सफाई पेश की है। दरअसल पिछले हफ्ते व्हाट्सऐप ने अपनी सेवा शर्तों और गोपनीयता नीति में एक बदलाव के बारे में बताया था कि वह किस तरह यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल करती है और किसी तरह फेसबुक के साथ उन्हें साझा किया जाता है। व्हाट्सऐप ने यह भी कहा कि उसकी सेवा जारी रखने के लिए यूजर्स को आठ फरवरी 2021 तक नई शर्तों और नीति को स्वीकार करना होगा। इसके बाद कंपनी के इस कदम पर सवाल उठने लगे।

क्या है व्हाट्सएप की सफाई

  • व्हाट्सऐप ने ब्लॉग के जरिए आज उठ रहे कई सवालों पर सफाई दी है और यूजर्स की चिंताएं दूर करने की कोशिश की है।
  • व्हाट्सएप के मुताबिक नीति में बदलाव से दोस्तों या परिवार के साथ किए गए आपके मैसेज की गोपनियता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
  • व्हाट्सऐप के मुताबिक वह विज्ञापनों के उद्देश्य से यूजर्स की कॉन्टेक्ट लिस्ट या समूहों के डेटा को फेसबुक के साथ साझा नहीं करती है।
  • व्हाट्सऐप या फेसबुक न तो व्हाट्सऐप पर यूजर्स के संदेश को पढ़ सकते हैं और न ही कॉल सुन सकते हैं।
  • व्हाट्सऐप के मुताबिक नीति में बदलाव से किसी भी तरह से दोस्तों या परिवार के साथ आपके संदेशों की गोपनीयता प्रभावित नहीं होगी। इसकी जगह अपडेट में व्हाट्सएप पर किसी बिजनेस को भेज जाने वाले संदेश से संबंधित बदलाव शामिल किए गए हैं, जो वैकल्पिक है।
  • ब्लॉग में कहा गया कि व्हाट्सऐप मैसेजिंग को तेज और विश्वसनीय बनाने के लिए एड्रेस बुक से केवल यूजर्स की अनुमति के बाद फोन नंबर तक पहुंचा जाता है और फेसबुक के अन्य ऐप के साथ कॉन्टेक्ट लिस्ट साझा नहीं की जाती है। साथ ही कहा गया कि विज्ञापनों के लिए फेसबुक के साथ इस डेटा को साझा नहीं किया जाता है।

क्या है पूरा मामला

इंटरनेट सुरक्षा शोधकर्ता राजशेखर राजाहरिया की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कम से कम 1,700 निजी व्हाट्सएप ग्रुप के लिंक एक वेब खोज के माध्यम से गूगल पर दिखाई दे रहे थे। गौरतलब है कि महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा, पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा और फोनपे के सीईओ समीर निगम सहित कई कारोबारी दिग्गजों ने कहा है कि ऐसी स्थिति में वे दूसरे प्लेटफॉर्म पर चले जाएंगे।

कैट ने भी दर्ज कराया है विरोध

रविवार को ही खुदरा कारोबारियों के संगठन कैट ने सरकार से व्हाट्सऐप और उसकी मूल कंपनी फेसबुक के ऊपर रोक लगाने की रविवार को मांग की। संगठन ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र लिखकर यह मांग की। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि भारत में फेसबुक के 20 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं और हर यूजर के डेटा तक पहुंच होने से न केवल अर्थव्यवस्था बल्कि देश की सुरक्षा के लिये गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।

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