नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन पी डी वाघेला ने कहा कि 5जी का पूरा लाभ लेने के लिए उसी के अनुरूप नीतियां, लाइसेंसिंग ढांचा और नियामकीय व्यवस्था विकसित करने की जरूरत होगी। उनका मानना है कि अगली पीढ़ी यानी 5जी प्रौद्योगिकी उद्योगों और भारतीय समाज के लिए काफी बदलाव लाने वाला प्रभाव छोड़ेगी और उन्हें एक बड़ी वृद्धि के मार्ग पर ले जाएगी। वाघेला ने बुधवार को इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी)-2020 को संबोधित करते हुए 5जी को ‘पासा पलटने’ वाला बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल सिर्फ दूरसंचार के अंदर ही नहीं, बल्कि सभी क्षेत्रों में होगा। इससे शहर-गांव के अंतर को दूर करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘इसका पूरा लाभ लेने के लिए 5जी के अनुकूल नीतियां, लाइसेंसिंग और नियामकीय वातावरण विकसित करने की जरूरत होगी।’’
ट्राई के प्रमुख ने कहा कि नियामक इस दिशा में पूरे मन से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को प्रौद्योगिकी उत्पादों का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए समर्थन वाली नीतियां विकसित करने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि 5जी से मिशन से जुड़े महत्वपूर्ण एप्लिकेशंस के लिए बाधारहित पहुंच, अत्यंत तेज गति और बेहद विश्वसनीय संचार उपलब्ध हो सकेगा। वाघेला ने कहा कि 5जी उपभोक्ताओं और उपक्रमों को परंपरागत वॉयस और डेटा के अलावा सेवाओं की नयी श्रृंखला उपलब्ध कराएगी। इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), कृत्रिम मेधा (एआई), रोबोटिक्स, ऑगमेंटेड रीयल्टी और वर्चुअल रीयल्टी जैसी अनुकूल प्रौद्योगिकियों से नयी सेवाएं उपलब्ध होंगी।
मंगलवार को ही रिलायंस जियो ने कहा कि वो 5जी मोबाइल सेवा अगले वर्ष के मध्य तक शुरू करने की तैयारी में है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) के पहले दिन एक सत्र में वीडियो कांफ्रेंस के जरिये कहा कि 5जी सेवाओं में शीघ्रता और इसको सब जगह सुलभ बनाने के लिए कुछ नीतिगत उपाय किए जाने की आवश्यकता है। अंबानी ने कहा, ‘मूझे पक्का विश्वास है कि जियो भारत में सबसे पहले 5जी की सेवाएं 2021 के मध्य तक करेगी। उसकी यह सेवा देश में ही विकसित नेटवर्क, कलपुर्जों और प्रौद्योगिकी पर आधारित होगी।’’ उन्होंने कहा कि यह सेवा आत्मनिर्भर भारत के सपने से प्रेरित एक योजना की सफलता का प्रमाण होगी।