नई दिल्ली। पेट्रोलियम क्षेत्र के नियामक पीएनजीआरबी ने दो महीने में दूसरी बार 11 शहरों में CNG की खुदरा बिक्री के लिए लाइसेंस की निविदा को टाल दिया है। इनमें चेन्नई, भोपाल और विशाखापट्टनम आदि शहर शामिल हैं। ये शहर 7.5 अरब डॉलर की स्मार्ट शहर परियोजना के लिए चुने गए 20 शहरों में शामिल हैं।
सरकार द्वारा स्मार्ट शहरों के लिए 20 शहरों का चयन किया गया। इन शहरों को बिना किसी रकावट बिजली और पानी की आपूर्ति के अलावा उचित साफ सफाई की व्यवस्था और बेहतर सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी, जिस इन शहरों के लोगों के जीवनस्तर यूरोपीय स्तर का बनाया जा सके। इसी के साथ नियामक ने 11 शहरों में CNG और पाइप वाली गैस पीएनजी की खुदरा बिक्री के लिए लाइसेंस देने का फैसला किया था।
यह भी पढ़ें- IGL ने चार महीने में स्थापित किए 72 CNG स्टेशन, मई में और 18 नए स्टेशन होंगे स्थापित
समस्या यह है कि ये सभी 11 शहर ओडि़शा में भुवनेश्वर, राजस्थान में जयपुर और उदयपुर, मध्य प्रदेश में भोपाल और जबलपुर, आंध्र प्रदेश में विशाखापट्टनम, महाराष्ट्र में शोलापुर, कर्नाटक में दवनगरी, तमिलनाडु में कोयम्बटूर और चेन्नई तथा असम में गुवाहाटी किसी भी गैस पाइपलाइन से जुड़े नहीं हैं। इस पर विचार किए बिना पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने 31 मार्च को नोटिस जारी कर कहा कि इन शहरों में लाइसेंस के लिए बोली की प्रक्रिया 22 अप्रैल से शुरू होगी। बोली की अंतिम तारीख 20 जून होगी।
इसके बाद 22 अप्रैल को नोटिस को संशोधित कर कहा कि बोली दस्तावेजों की बिक्री 16 मई से शुरू होगी और बोली की आखिरी तारीख 14 जुलाई रहेगी। अब पीएनजीआरबी ने बोली दस्तावेजों की बिक्री 14 जून से शुरू करने की घोषणा की है। 3 अगस्त बोली दस्तावेज जारी करने की अंतिम तारीख होगी और 12 अगस्त को बोली बंद हो जाएगी। वहीं उद्योग सूत्रों का कहना है कि इन शहरों को बिना पाइपलाइन से जोड़े गैस का परिवहन नहीं किया जा सकता। ऐसे में सीएनजी और पीएनजी की बिक्री संभव नहीं है।
यह भी पढ़ें- Fuel Efficient: ऑड-ईवन के झंझट को बाेलिए बाय-बाय, ये हैं भारत की टॉप 5 CNG कारें