नई दिल्ली/लंदन। पीएनबी धोखाधड़ी मामले के मुख्य आरोपी और भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने नई जमानत याचिका दायर की है जिसपर छह नवंबर को सुनवाई होगी। भारत, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में करीब दो अरब डॉलर के घोटाले में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के प्रयास में लगा है। 48 वर्षीय मोदी काफी समय से लंदन की जेल में बंद है। नीरव मोदी ने अपनी ताजा अपील में बेचैनी और अवसाद का जिक्र करते हुए जमानत मांगी है। प्रत्यर्पण वॉरंट पर मोदी को इस साल मार्च में गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद से जमानत का यह उसका पांचवां प्रयास है।
नीरव मोदी की नयी जमानत याचिका पर लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत छह नवंबर को सुनवाई करेगी। अदालत के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। मोदी संभवत: वीडियोलिंक के जरिये अदालत में पेश होगा। यदि अदालत के अधिकारियों को जरूरी लगता है तो मोदी को व्यक्तिगत रूप से भी पेश किया जा सकता है।
आभूषण कारोबारी के वकीलों ने पूर्व में वैंड्सवर्थ जेल की खराब स्थिति का हवाला देते हुए भी जमानत मांगी थी। पूर्व में मोदी की जमानत याचिका में उसके वकीलों ने अदालत के समक्ष पेश गोपनीय दस्तावेजों में उसकी खराब मानसिक स्थिति का भी हवाला दिया था। जून में लंदन के रॉयल कोर्ट आफ जस्टिस में उनकी वकील क्लेयर मोंटगोमेरी ने कहा था कि नीरव मोदी कोई जघन्य अपराध करने वाला व्यक्ति नहीं है, जैसा कि भारत सरकार दावा कर रही है। वह एक आभूषण डिजाइनर है और उसे ईमानदार, सावधान और भरोसेमंद माना जाता है। उस समय अदालत ने मोदी की जमानत याचिक को खारिज करते हुए कहा था कि इस बात के पर्याप्त आधार हैं कि वह समर्पण नहीं करेगा क्योंकि उसके पास भागने की कई वजहें हैं।
हालांकि, मोदी के जमानत के लिए अपीलें दायर करने के लिए कोई सीमा तय नहीं है। अब उसकी एक और जमानत याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होगी। मोदी को 11 नवंबर को जेल से वीडियोलिंक के जरिये नियमित रिमांड के लिए वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश होना है। अदालत की सूची में यह तारीख अभी कायम है। मोदी को 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद से वह दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है।
साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुताबिक, नीरव मोदी ने विक्टम कार्ड खेला है। लंदन की कोर्ट में पांचवीं बार जमानत अर्जी लगाते हुए कहा है कि वो घबराहट और मानसिक तनाव से गुजर रहा है। इस आधार पर उसने लंदन की कोर्ट से सशर्त जमानत की मांग की है, जिसमें कहा है कि उसको जमानत देकर भले ही घर मे नजरबंद रखा जाए।
इस साल मार्च से जेल में बंद है नीरव मोदी
अदालत 11 से 15 मई 2020 तक चलने वाली प्रत्यर्पण मुकदमे की सुनवाई पर काम कर रही है। ब्रिटेन के कानून के तहत प्रत्यर्पण मुकदमा लंबित रहने तक हर 28 दिन में ऐसी सुनवाई करना जरूरी है। नीरव मोदी मार्च में अपनी गिरफ्तारी के बाद से दक्षिण-पश्चिम लंदन के वैंड्सवर्थ जेल में बंद है।
4 बार रद्द हो चुकी है नीरव मोदी की जमानत अर्जी
बता दें कि नीरव मोदी की जमानत अर्जी पहले 4 बार रद्द हो चुकी है। पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) को लगभग 13 हजार करोड़ रुपए का चूना लगाने वाले भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को लंदन हाई कोर्ट से भी जून महीने में झटका लगा था। लंदन के रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस ने उसे जमानत देने से इनकार कर दिया था। इससे पहले, वेस्टमिंस्टर कोर्ट लगातार तीन बार उसकी जमानत याचिका खारिज कर चुका है।