नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के जान बूझकर ऋण नहीं चुकाने वाले (विलफुल डिफॉल्टर्स) बड़े कर्जदारों का बकाया जून में 0.87% कम हुआ है । यह 30 जून तक घटकर 15,354.52 करोड़ रुपए रह गया। बैंक के आंकड़ों के अनुसार मई अंत तक यह बकाया 15,490 करोड़ रुपए था। जान बूझकर ऋण नहीं चुकाने वाले बड़े चूककर्ता वह हैं जिन्होंने किसी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक से 25 लाख रुपए या उससे अधिक का ऋण लेकर चुकाया नहीं है।
वित्त वर्ष 2017-18 की समाप्ति पर बैंक के जान बूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों का बकाया 15,171.91 करोड़ रुपए था। वहीं 2017-18 में बैंक का एकल शुद्ध घाटा 12,282.82 करोड़ रुपए रहा जबकि 2016-17 में बैंक को 1,324.80 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था।
इनमें कुडोस केमी लिमिटेड 1301.82 करोड़, किंगफिशर एयरलाइंस 597.44 करोड़, जस इंफ्रास्ट्रक्चर 410.96 करोड़, वीएमसी सिस्टम्स 296.08 करोड़, एमबीएस ज्वैलर्स 266.17 करोड़, तुलसी एक्सटर्शन 175.41 करोड़ रुपए और अरविंद रेमेडीज 158.16 करोड़ रुपए के बकाये के साथ कुछ बड़े बकायेदार भी शामिल हैं।
अन्य कर्जदारों में आईसीएसए (इंडिया) लिमिटेड पर 134.76 करोड़ रुपए, भवानी इंडस्ट्रीज पर 106.66 करोड़, इंदु प्रोजेक्ट 102.83 करोड़ रुपए, बीबीएफ इंडस्ट्रीज पर 101 करोड़ रुपए। इन कर्जदारों ने पीएनबी से विभिन्न बैंकों के साथ समूह में कर्जलिया था।
देश का बैंकिंग क्षेत्र खासतौर से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक इस समय बढ़ती गैर-निष्पादित राशि (NPA) और फंसे कर्ज की समस्या से जूझ रहे हैं। ये बैंक कई तरह के घोटालों और धोखाधड़ी का भी शिकार हैं। दिसंबर 2017 में बैंकिंग क्षेत्र का एनपीए 8.31 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है।