नई दिल्ली। कोरोना संकट की वजह से पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस अपने 5 से 7 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकालने जा रहा है। इकनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना संकट के बाद कारोबार में दबाव बढ़ने और लागत को नियंत्रण में रखने के लिए कंपनी ने ये फैसला लिया है। सूत्रों के मुताबिक 8 से 100 लोगों को नौकरी छोड़ने के लिए कह दिया गया है। कंपनी ने छंटनी की बात मानी है लेकिन संख्या को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी।
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि कंपनी ने 80 से 100 लोगों को जाने के लिए कह दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने कहा है कि स्थिर ग्रोथ के लिए कंपनी खुद को व्यवस्थित कर रही है। कंपनी के मुताबिक इसके लिए कुछ बेहद कड़े फैसले भी लिए जा रहे हैं। इसमें अपनी वर्कफोर्स की संख्या में कुछ बदलाव जैसे फैसले भी शामिल हैं। कंपनी के मुताबिक हम लागत और खर्च को नियंत्रित करने और वर्कफोर्स के बेहतर इस्तेमाल की दिशा में काम कर रहे हैं। हालांकि छंटनी के आंकड़ों को कंपनी ने सही नहीं बताया।
लागत घटाने की प्रक्रिया में जून तिमाही के दौरान पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस ने 2 ब्रांच का मर्जर किया है जिसके बाद कुल ब्रांच की संख्या घटकर 103 हो गई है। कोरोना वायरस की वजह से कंपनी के कारोबार में जून तिमाही के दौरान काफी बुरा असर देखने को मिला है। जून तिमाही में कुल डिस्बर्स्मेंट 91 फीसदी की गिरावट के साथ 694 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया है। पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस का मार्केट कैप 4800 करोड़ रुपये के करीब है। वहीं आउटस्टैंडिंग लोन 68000 करोड़ रुपये के स्तर पर हैं। छंटनी से पहले कंपनी में 1500 कर्मचारी काम करते थे। कंपनी में पीएनबी की 32.7 फीसदी की हिस्सेदारी है।