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पीएनबी ने 900 कंपनियों को किया ‘विलफुल डिफॉल्टर’ घोषित, बैंक का लगभग 11,000 करोड़ रुपए बकाया

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने लगभग 900 कंपनियों की एक लिस्ट जारी की है जिसे उसने विलफुल डिफॉल्टर (जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाली) श्रेणी में रखा है।

Dharmender Chaudhary
Published on: February 24, 2016 12:27 IST
पीएनबी ने 900 कंपनियों को किया ‘विलफुल डिफॉल्टर’ घोषित, बैंक का लगभग 11,000 करोड़ रुपए बकाया- India TV Paisa
पीएनबी ने 900 कंपनियों को किया ‘विलफुल डिफॉल्टर’ घोषित, बैंक का लगभग 11,000 करोड़ रुपए बकाया

नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने लगभग 900 कंपनियों की एक लिस्ट जारी की है जिसे उसने विलफुल डिफॉल्टर (जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाली) श्रेणी में रखा है। इन फर्मों पर बैंक का लगभग 11,000 करोड़ रुपए बकाया है। इस लिस्ट में विनसम डायमंड्स एंड ज्वैलरी, जूम डेवलपर्स और नेफेड का नाम शामिल है। गौरतलब है कि पीएनबी ने हाल ही में किंगफिशर एयरलाइंस और इसकी गांरटीदाता यूबी होल्डिंग्स एवं विजय माल्या को विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया था। किंगफिशर एयरलाइंस पर बैंक का 1,500 करोड़ रुपए बकाया है। कर्ज वसूली नहीं होने से 31 दिसंबर 2015 को समाप्त तीसरी तिमाही के दौरान पीएनबी की नॉन-परफार्मिंग एसेट्स (एनपीए) बढ़कर 8.47 फीसदी पर पहुंच गई।

ये है सबसे बड़े डिफॉल्टर  

बैंक ने 904 यूनिट को विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया है जिन पर दिसंबर के आखिर तक 10,869.71 करोड़ रुपए बकाया था। पीएनबी की लिस्ट के अनुसार जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाली कुछ प्रमुख कंपनियों में विनसम डायमंड्स एंड ज्वैलरी पर 900.37 करोड़ रुपए, फोरएवर प्रीशियस ज्वैलरी एंड डायमंड्स पर 747.98 करोड़ रुपए, जूम डेवलपर्स पर 410.18 करोड रुपए, नेफेड पर 224.26 करोड़ रुपए और एस कुमार नेशनवाइड पर 146.82 करोड़ रुपए बकाया है। अपने खातों को साफ सुथरा बनाने के प्रयासों के तहत पीएनबी की चौथी तिमाही में 3,000 करोड़ रुपए मूल्य तक का फंसा कर्ज एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनीज (एआरसी) को बेचने की योजना है।

फंसे कर्ज की वसूली की कोशिश  

पीएनबी की प्रबंध निदेशक उषा अनंतसुब्रमणियम ने कहा, पीएनबी एक ऐसा बैंक है जो कि संपत्ति पुनर्गठन कंपनियों के बाजार से दूर था और उसने पिछले छह साल में इसका उपयोग नहीं किया। उन्होंने कहा कि बैंक इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर विशेष वसूली कैंपों का भी आयोजन कर रहा है। बैंक फंसे कर्ज की वसूली के लिए अन्य उपायों के साथ ही एकबारगी निपटान प्रस्तावों पर भी विचार कर रहा है। पीएनबी की पिछले 31 दिसंबर 2015 को समाप्त तीसरी तिमाही के दौरान गैर- नॉन-परफार्मिंग एसेट्स (एनपीए) बढ़कर 8.47 फीसदी पर पहुंच गई।

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