नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने शाखाओं को तर्कसंगत बनाने का काम तेजी से पूरा करने का फैसला किया है। बैंक ने अपनी 300 शाखाओं को निगरानी में डाला है। इन शाखाओं से कहा गया है कि या तो वे अपनी स्थिति सुधार या बंदी अथवा विलय के लिए तैयार रहें। PNB के प्रबंध निदेशक सुनील मेहता ने कहा कि शाखाओं को तर्कसंगत बनाने की प्रक्रिया चल रही है। हमने घाटे में चल रही सभी शाखओं को नोटिस दिया है कि वे एक साल में अपनी स्थिति सुधारें। ऐसा नहीं होने पर हम विकल्पों मसलन इन शाखाओं को बंद करने या उनका विलय करने पर विचार करेंगे। हमारी 300 शाखाओं पर नजर है।
हालांकि, मेहता ने स्पष्ट किया कि ये सभी शाखाएं घाटे वाली नहीं हैं। इनमें से कुछ मामूली मुनाफा कमा रही हैं। उन्होंने कहा कि हम इन योजनाओं पर काम कर रहे हैं। यदि ये शाखाएं अपनी स्थिति सुधार पाती हैं तो उनके लिए ठीक होगा अन्यथा उन्हें बंद किया जाएगा या उनका विलय किया जाएगा।
देश के दूसरे सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की देशभर में 7,000 शाखाएं हैं। वित्त मंत्रालय द्वारा पिछले महीने आयोजित ‘पीएसबी मंथन’ में शाखाओं को तर्कसंगत बनाने के प्रस्ताव पर विचार हुआ था। जहां तक विदेशी शाखाओं का सवाल है, मेहता ने कहा कि बैंक ने ऑस्ट्रेलिया और चीन में अपने प्रतिनिधि कार्यालय बंद करने का फैसला किया है।
फिलहाल PNB की नौ देशों में उपस्थिति है। बैक की हांगकांग में दो, दुबई में एक और ओबू-मुंबई में एक शाखा है। इसके अलावा बैंक की लंदन और भूटान में दो अनुषंगी इकाइयां हैं। कजाकिस्तान में एक सहायक इकाई, नेपाल में एक संयुक्त उद्यम, सिडनी, शांघाई, ढांका और दुबई-यूएई में चार प्रतिनिधि कार्यालय हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या बैंक का इरादा ब्रिटेन की अनुषंगी में अपनी हिस्सेदारी बिक्री का है, मेहता ने कहा कि बैंक पीएनबी इंटरनेशनल को मुनाफे वाले केंद्र में बदल में सफल रहा है। हमारे पास इसके विनिवेश का विकल्प था, लेकिन फिलहाल इसका पुनरोद्धार हो रहा है। पहले हम इसको स्थिर करेंगे, उसके बाद विनिवेश पर विचार होगा। इससे हमें सही मूल्य मिल पाएगा।