नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था संकट में हैं और कंपनियां कर्मचारी कम करने, अनावश्यक खर्च में कटौती जैसे पूंजी बचाने के उपाय कर रही हैं। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने अपने शीर्ष प्रबंधन के आने-जाने के लिए तीन ऑडी कार खरीदी हैं। इन कारों की अनुमानित कीमत 1.34 करोड़ रुपए है। सूत्रों के मुताबिक पीएनबी ने पिछले ही महीने इन कारों की डिलिवरी ली है। इनका उपयोग बैंक के प्रबंध निदेशक और दो अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को लाने ले जाने में किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार बैंक की इस खरीद का सालाना मूल्यह्रास करीब 20 लाख रुपए बैठेगा। इन कारों की खरीद बैंक के निदेशक मंडल की मंजूरी के बाद की गई। अहम बात यह है कि केंद्र सरकार और कई कैबिनेट स्तर के मंत्री देश में बनी मारुति सुजुकी की सियाज का इस्तेमाल करते हैं। यह पीएनबी द्वारा खरीदी गई जर्मनी की ऑडी कार से कई गुना सस्ती है। जबकि यह बात सार्वजनिक है कि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी द्वारा की गई 14,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का असर बैंक की माली हालत पर पड़ा है।
अक्टूबर-दिसंबर 2019 तिमाही में बैंक को 501.93 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। जबकि 2018 की इसी तिमाही में बैंक का शुद्ध लाभ 249.75 करोड़ रुपए था। इस दौरान बैंक का फंसे कर्ज के लिए प्रावधान 4,445.36 करोड़ रुपए रहा। इससे पिछले साल की इसी अवधि में यह 2,565.77 करोड़ रुपए था। सरकारी प्रोटोकॉल के हिसाब से सार्वजनिक क्षेत्र के प्रबंध निदेशक का पद केंद्र सरकार में अतिरिक्त सचिव के बराबर होता है। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन भी जब दिल्ली में होते हैं तो टोयोटा कोरोला अल्टिस का उपयोग करते हैं। पद में उन्हें सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों के प्रबंध निदेशकों से ऊपर माना जाता है।
कोविड-19 संकट को देखते हुए वित्त मंत्रालय ने पिछले ही हफ्ते ही सभी मंत्रालयों और विभागों को चालू वित्त वर्ष में किसी भी तरह की नई योजना शुरू करने से परहेज करने के निर्देश दिए थे। साथ ही मुश्किल वक्त में संसाधनों का विवेकपूर्ण इस्तेमाल करने के लिए कहा था। वहीं जिन योजनाओं को पहले मंजूरी मिल चुकी है वह 31 मार्च 2021 या अगले आदेश तक निलंबित रहेंगी। सूत्रों ने बताया कि प्रबंध निदेश के अलावा बैंक के परिचालन को देखने के लिए चार और कार्यकारी निदेशक हैं। इन कारों की खरीद को नियमित तौर पर कारों को बदलने की गतिविधि बताया जा रहा है और इसके लिए पिछले साल मंजूर बजट का इस्तेमाल किया गया है।