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नोटबंदी के बारे में किन अधिकारियों से ली गई सलाह, इस बारे में सूचना नहीं : PMO

PMO ने कहा कि इस बारे में कोई सूचना नहीं है कि उच्च मूल्य के नोटों पर पाबंदी लगाने के निर्णय से पहले इस बारे में किन अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया गया

Manish Mishra
Updated : January 09, 2017 19:20 IST
नोटबंदी के बारे में किन अधिकारियों से ली गई सलाह, इस बारे में सूचना नहीं : PMO
नोटबंदी के बारे में किन अधिकारियों से ली गई सलाह, इस बारे में सूचना नहीं : PMO

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने कहा है कि इस बारे में कोई सूचना नहीं है कि उच्च मूल्य के नोटों पर पाबंदी लगाने के हाल के निर्णय से पहले इस बारे में किन अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1,000 रुपए के नोट पर पाबंदी लगाये जाने की घोषणा की थी।

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RTI में पूछे सवाल का जवाब देने से किया इनकार

  • PMO ने RTI के तहत इस सवाल का भी जवाब देने से इनकार किया कि 500 और 1000 के पुराने नोटों पर पाबंदी लगाने से पहले क्या मुख्य आर्थिक सलाहकार तथा वित्त मंत्री की राय ली गई थी।
  • इस पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपने जवाब में कहा कि सवाल सूचना के अधिकार (RTI) कानून के तहत सूचना की परिभाषा में नहीं आता।

RTI के तहत मांगी गई थी ये जानकारियां

  • RTI के तहत यह जानकारी मांगी गयी थी कि नोटबंदी के निर्णय से पहले किन अधिकारियों की राय ली गयी थी।
  • इसके जवाब में PMO ने कहा, जो सूचना मांगी गयी है, वह इस कार्यालय के रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है।
  • आवेदनकर्ता ने यह भी जानना चाहा था कि क्या नोटबंदी की घोषणा से पहले इस मुद्दे पर तथा 500 और 1,000 रुपए के प्रतिबंधित नोटों को आसानी से बदलने के संदर्भ में सरकार की तैयारियों को लेकर कोई बैठकें हुई थी।
  • सूचना में यह भी जानकारी मांगी गई कि क्या सरकार ने यह विचार किया था कि नए 2,000 रुपए के नोट लाने से ATM में सुधार की जरूरत होगी है और क्या किसी अधिकारी या मंत्री ने निर्णय का विरोध किया था।
  • आवेदनकर्ता ने यह भी जानना चाहा था कि कोई ऐसा अनुमान रिकॉर्ड में था कि प्रतिबंधित नोट को नए नोट में बदलने कितने समय की जरूरत होगी।
  • इन सभी सवालों के जवाब में PMO ने कहा कि ये सब RTI कानून के तहत सूचना की परिभाषा के दायरे में नहीं आते।

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RBI ने भी नहीं दिया था RTI का जवाब

  • इससे पहले, रिजर्व बैंक ने भी छूट उपबंध का हवाला देते हुए इस प्रकार की सूचना का खुलासा करने से इनकार कर दिया था और कहा कि ये सवाल RTI कानून के अंतर्गत नहीं आते हैं।
  • RTI कानून में सूचना की परिभाषा के दायरे में रिकॉर्ड, दस्तावेज, ज्ञापन, ई-मेल, राय, सलाह, प्रेस विज्ञप्ति, परिपत्र, आर्डर, लॉगबुक, अनुबंध, रिपोर्ट, दस्तावेज, नमूने, मॉडल समेत किसी भी रूप में कोई सामग्री आती है।
  • साथ ही इलेक्ट्रॉनिक रूप में आंकड़ा तथा किसी निजी निकाय से संबंधित सूचना जिसे सार्वजनिक रूप से प्राप्त किया जा सकता है, इसके दायरे में आते हैं।

पूर्व सूचना आयुक्त शैलेष गांधी ने कहा

किसी से सलाह ली गई या नहीं, यह रिकॉर्ड का मामला है और RTI कानून के दायरे में आता है।

PMO ने वित्‍त मंत्रालय को भेजे सवाल

  • PMO ने नोटबंदी के बाद लोगों को किसी प्रकार की समस्या नहीं हो, यह सुनिश्चित करने के लिये उठाए गये कदमों के बारे में पूछे गए सवाल को वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के प्रकोष्ठ को भेजा है।
  • साथ ही बड़ी राशि के पुराने नोटों पर पाबंदी से पहले छापी गई 2,000 और 500 रुपए की नई मुद्रा की संख्या तथा नोटबंदी के कारणों के बारे में भी सवालों को आर्थिक मामलों के विभाग के पास भेजा गया है।

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