नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने सभी मंत्रालयों एवं विभागों को और अधिक प्रत्यक्ष विदेश निवेश (FDI) आकर्षित करने के लिए वर्तमान व्यवस्था एवं नियमों को उदारीकृत FDI नीति के अनुकूल ढालने को कहा है। ये निर्देश हाल ही में PMO द्वारा बुलाई गई वरिष्ठ अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक में जारी किए गए।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक में वित्तीय सेवाएं, उपभोक्ता मामले, रक्षा, गृह, वाणिज्य एवं उद्योग, अंतरिक्ष एवं दवा समेत विभिन्न विभागों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान कहा गया कि FDI के सिलसिले में पहले ही अहम सुधार किए गए हैं और अब विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अनुकूल व्यवस्था एवं नियम बनाना करना संबंधित विभागों की जिम्मेदारी है।
सरकार पिछले ढाई सालों में विभिन्न क्षेत्रों में FDI पर सीमा खत्म करके तथा कई क्षेत्रों को को स्वत: मंजूरी की व्यवस्था में डालकर FDI नीति में ढील दे चुकी है। सूत्रों के अनुसार वित्तीय सेवा विभाग को बीमा ब्रोकिंग कारोबार में शत-प्रतिशत FDI की मंजूरी देने के प्रस्ताव पर औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (DIPP) से चर्चा करने का सुझाव दिया गया है। उस बैठक में एटीएम और नकदी प्रबंधन कंपनियों में शत-प्रतिशत विदेश निवेश की मंजूरी देने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। यह भी पढ़ें : सरकार का 40 प्रतिशत बुआई क्षेत्र को बीमा के दायरे में लाने का लक्ष्य, किसानों को नुकसान से बचाने की कवायद