नई दिल्ली। मुंबई में पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के जमाकर्ता भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) कार्यालय के बाहर आरबीआई द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और लोगों की लगातार हो रहीं मौत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पीएमसी बैंक में वित्तीय अनियमितता सामने आने के बाद से अब तक करीब आठ खाताधारकों की मौत हो चुकी है।
गौरतलब है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार (4 नवंबर) को आरबीआई से पूछा था कि उसने घोटाले की मार झेल रहे पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं। जस्टिस एससी धर्माधिकारी और जस्टिस आरआई छागला की खंडपीठ बैंक के जमाकर्ताओं की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इन याचिकाओं में आरबीआई की निकासी सीमा को चुनौती दी गई है।
क्या है पूरा मामला
पीएमसी बैंक के कामकाज में अनियमितताएं और रीयल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल को दिए गए कर्ज के बारे में सही जानकारी नहीं देने को लेकर उस पर पाबंदी लगाई गई है। बैंक ने HDIL को अपने कुल कर्ज 8,880 करोड़ रुपए में से 6,500 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था, यह उसके कुल कर्ज का करीब 73 प्रतिशत है। पूरा कर्ज पिछले दो-तीन साल से एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) बना हुआ है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और आरबीआई से मांगा जवाब
दिल्ली हाईकोर्ट ने भी पीएमसी बैंक घोटाले मामले में खाताधारकों की नगद निकासी पर प्रतिबंध हटाने को लेकर केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। जनहित याचिका में कोर्ट से मांग की है कि लोगों की बचत का बीमा किया जाए, ताकि सभी निवेशक अपना पैसा वापस पा सकें। इसके साथ ही कानूनी बनाने की मांग की गई है, जिससे ऐसे घोटाले न हो। इस मामले में अब 22 जनवरी 2020 को सुनवाई होगी।
आरबीआई ने पीएमसी बैंक में कथित वित्तीय अनियमितता सामने आने के बाद नकद निकासी समेत अन्य प्रतिबंध लगा दिए हैं। फिलहाल पीएमसी बैंक के खाताधारक 40,000 रुपए तक की ही नगद निकासी कर सकते हैं।