नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस हफ्ते ऑनलाइन नेशनल एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट्स मार्केट प्लेटफॉर्म शुरुआत करेंगे। यह देश भर के 585 थोक बाजारों को एकीकृत करेगा। एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग के लिए प्लेटफॉर्म लॉन्च किया जा रहा है। इससे किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए अधिक विकल्प मिलेगा। यह 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने की रूपरेखा का हिस्सा है।
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा,प्रधानमंत्री एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग के लिए इस ई.प्लेटफॉर्म की 14 अप्रैल को पेशकश करेंगे। इसे इस वर्ष सितंबर तक 200 मंडियों में शुरू किया जाएगा। पिछले वर्ष जुलाई में मंत्रिमंडल ने 200 करोड़ रुपए के बजट के साथ एक ऑनलाइन राष्ट्रीय कृषि बाजार की स्थापना को मंजूरी दी थी। मौजूदा समय में किसान मंडियों में ही अपने उत्पादों को बेच सकते हैं जो विभिन्न करों को लगाती हैं। ऑनलाइन कृषि बाजार से उम्मीद है कि इससे किसानों को अपने उत्पाद हाजिर मंडियों अथवा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म दोनों स्थानों पर बेच सकेंगे।
सिंह ने कहा कि ऑनलाइन व्यापार तक आसानी से पहुंच के कारण किसानों की आय बढ़ेगी, बाजार में उत्पादों की बेहतर उपलब्धता होगा और कीमतों में नरमी रहेगी। उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड सरकार की एक अन्य महत्वपूर्ण योजना है जिसका ध्येय मृदा परीक्षण और उर्वरकों के संतुलित इस्तेमाल को प्रोत्साहित करना है ताकि किसानों को कम लागत पर अधिक उपज प्राप्त हो सके। सरकार ने इस योजना को वर्ष 2014-15 में घोषित किया था ताकि 14 करोड़ किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जा सके। मंत्री ने कहा कि वर्ष 2016-17 में 360 अतिरिक्त मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं को परिचालन में लाया जायेगा जो प्रमुख और सूक्ष्म पोषकों की जांच करेंगी। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश प्रयोगशालाओं की वार्षिक विश्लेषण क्षमता को 1.78 करोड़ से बढ़ाकर 2.14 करोड़ कर देगा।