नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह 22 नवंबर को को शहरी गैस वितरण लाइसेंस आवंटित करने के कार्यक्रम के 10वें दौर की बोली प्रक्रिया की शुरुआत करेंगे। इससे देश की 70 प्रतिशत आबादी सीएनजी और पाइपलाइन से रसोई गैस की आपूर्ति के नेटवर्क के तहत आ जाएगी।
तेल नियामक पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) के चेयरमैन दिनेश के सर्राफ ने कहा कि मोदी इस अवसर पर कम से कम 62 शहरों में शहर गैस नेटवर्क के निर्माणकार्य का शिलान्यास भी करेंगे। इन जगहों पर 9वें दौर की बोली प्रक्रिया में लाइसेंस दिए जा चुके हैं। 9वां दौर कुछ महीने पहले संपन्न हुआ था।
सर्राफ ने कहा कि 10वें दौर की बोली में 14 राज्यों के 124 जिलों में कुल मिला कर 50 भौगोलिक क्षेत्रों में वाहनों के लिए सीएनजी और घरों में पाइपवाली रसोई गैस के खुदरा वितरण कारोबार के लिए लाइसेंस की पेशकश की जा रही है। इसका दायरा भारत की 24 प्रतिशत आबादी और 18 प्रतिशत क्षेत्र तक होगा।
9वें चरण में 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 174 से अधिक जिलों के 86 भौगोलिक क्षेत्रों में लाइसेंस दिए गए थे। इनमें सें 78 क्षेत्रों के लिए अडानी, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और टोरंट गैस कंपनियों को अनुबंध मिला है।
पीएनजीआरबी के चेयरमैन ने कहा कि 22 नवंबर को एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये 62 क्षेत्रों में वितरण नेटवर्क निर्माण कार्य का शिलान्यास करेंगे। सर्राफ ने कहा कि 9वें दौर के 86 क्षेत्रों में से पांच क्षेत्रों को मुकदमेबाजी की वजह से शिलान्यास से बाहर रखा गया है। जबकि अन्य 16 क्षेत्र राजस्थान, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में आते हैं, जहां विधानसभा चुनाव की वजह से आचार संहिता लागू है। अन्य तीन क्षेत्रों में पंचायत चुनाव हैं। उन्होंने कहा कि 9वें और 10वें दौर की बोली प्रक्रिया से हम भारत की 50 प्रतिशत आबादी और 42 प्रतिशत क्षेत्र तक पहुंचने जा रहे हैं।