नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को उत्तर प्रदेश में स्थित ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) के 351 किलोमीटर लंबे न्यू भाउपुर-न्यू खुर्जा खंड का उद्घाटन करेंगे, जहां एल्युमिनियम, डेयरी और टेक्सटाइल जैसे स्थानीय उद्योगों में उत्पादन के नए अवसर खोले जाएंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुबह ग्यारह बजे प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में भाग लेंगे और इस दौरान वह प्रयागराज में ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (ओसीसी) का भी उद्घाटन करेंगे।
इस मौके पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रेल मंत्री पीयूष गोयल भी उपस्थित रहेंगे। ईडीएफसी के भाउपुर-न्यू खुर्जा खंड का निर्माण 5,750 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था। इस खंड से एल्यूमीनियम उद्योग (कानपुर देहात जिले का पुखरायां क्षेत्र), डेयरी उद्योग (औरैया जिला), कपड़ा उत्पादन/ब्लॉक प्रिंटिंग (इटावा जिला), कांच से बनने वाले पदार्थों से संबंधित उद्योग (फिरोजाबाद जिला), मिट्टी के बर्तनों के उत्पाद (बुलंदशहर जिले का खुर्जा क्षेत्र), हींग उत्पादन (हाथरस जिला) और ताला व हार्डवेयर उद्योग (अलीगढ़ जिला) जैसे स्थानीय उद्योगों के क्षेत्र में नए-नए अवसर पैदा होंगे। इस खंड से कानपुर-दिल्ली मेन लाइन पर व्यस्तता भी कम होगी, जिससे भारतीय रेलवे और भी तेजी से अपना सफर पूरा कर पाएगी। वहीं प्रयागराज का अत्याधुनिक ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (ओसीसी) कॉरीडोर के पूरे रूट के लिए एक कमांड सेंटर के तौर पर काम करेगा।
सरकार के मुताबिक कमांड सेंटर अपनी तरह का दुनिया में सबसे बड़ा स्ट्रक्चर है, इसमें सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं दी गई हैं। ये कमांड सेंटर पर्यावरण के अनुकूल है और इसे सुगम्य भारत अभियान के तहत बनाया गया है। ईडीएफसी में 1856 किलोमीटर का रुट तैयार होना है। ये लुधियाना के करीब से शुरू होकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड से होता हुआ पश्चिम बंगाल तक पहुंचेगा। डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया 1504 किलोमीटर लंबी वेस्टर्न कॉरीडोर भी बना रहा है। ये कॉरीडोर उत्तर प्रदेश के दादरी से हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र तक पहुंचेगा।