वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शीर्ष अमेरिकी मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (CEO) के साथ बैठक करेंगे जिसमें वीजा, निवेश और रोजगार सृजन जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री के साथ बैठक में Apple, माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी कंपनियों के CEO शामिल होंगे। मोदी की अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्हाइट हाउस में पहली बैठक से एक दिन पहले होटल विलार्ड इंटरकॉन्टिनेंटल में प्रधानमंत्री की 20 बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मुख्य कार्यकारियों के साथ सीईओ गोलमेज बैठक होगी। मोदी वाशिंगटन की अपनी तीन दिन की यात्रा पर आज यहां पहुंचे। इस दौरान वह वाशिंगटन डीसी के पास के उपनगर वर्जिनिया में भारतीय मूल लोगों के साथ भी परिचर्चा करेंगे।
अमेरिका पहुंचने से पहले पीएम मोदी ने अपने फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट शेयर किया था। इस पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा था कि मैं प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के न्योते पर वॉशिंगटन की यात्रा पर जा रहा हूं। हमारे बीच इसे लेकर फोन पर पहले बात हुई है। मैं भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी को और मजबूत बनाने को लेकर आशावादी हूं।
प्रेसिडेंट ट्रंप ने ट्वीट कर कहा :
Look forward to welcoming India’s PM Modi to @WhiteHouse on Monday. Important strategic issues to discuss with a true friend!
— President Trump (@POTUS) June 24, 2017
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CEO गोलमेज में Apple के प्रमुख टिम कुक, वॉल-मार्ट के प्रमुख डाउग मैकमिलन, कैटरपिलर के जिम यूम्पलेबाई, गूगल प्रमुख सुंदर पिचाई तथा माइक्रोसॉफ्ट के सत्य नाडेला के शामिल होने की उम्मीद है। इनके अलावा बैठक में मैरियट इंटरनेशनल प्रमुख एर्ने सोरेन्सन, जॉनसन एंड जॉनसन के एलेक्स गोरस्काई, मास्टरकार्ड के अजय बंगा, वारबर्ग पिन्कस के चार्ल्स केयी और कार्लाइल ग्रुप के डेविड रुबनस्टीन के भी शामिल होने की उम्मीद है।
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मोदी इस बैठक में शुरुआती और समापन संबोधन देंगे। वह बैठक में मौजूद मुख्य कार्यकारियों के विचार भी सुनेंगे। प्रधानमंत्री की यह बैठक ऐसे समय हो रही है जबकि भारतीय उद्योग जगत अमेरिका में H-1B वीजा अंकुशों को लेकर चिंतित है। ऐसे में CEO की बैठक में वीजा का मुद्दा उठने की उम्मीद है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मेक इन इंडिया पर काफी ध्यान दे रहे हैं, ऐसे में बैठक में भारत में रोजगार सृजन का मुद्दा भी एजेंडा में होगा।
समझा जाता है कि बैठक में भारत में नोटबंदी के बाद वृहद आर्थिक परिदृश्य और अगले महीने लागू होने वाले वस्तु एवं सेवा कर (GST) के संभावित लाभों पर भी चर्चा होगी।