नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नववर्ष की पूर्व संध्या पर 31 दिसंबर को राष्ट्र को संबोधित कर सकते हैं। मोदी ने पिछली बार आठ नवंबर को राष्ट्र को संबोधित किया था। उन्होंने तब 500 और 1000 रुपये के नोटों को उसी दिन मध्यरात्रि से अमान्य घोषित कर दिया था।
- प्रधानमंत्री अपने संबोधन में नोटबंदी के बाद के रोडमैप के बारे में बोल सकते हैं।
- नोटबंदी के बाद से एक बड़ी समस्या बने रहे नकदी के प्रवाह को सुगम बनाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर भी खासतौर पर बोल सकते हैं।
- पीएम आठ नवंबर को हुई नोटबंदी की घोषणा के बाद अर्थव्यवस्था के सामने पेश आई समस्याओं से निपटने के कदमों पर भी बोल सकते हैं।
- पिछले कुछ सप्ताह में अपनी जनसभाओं में प्रधानमंत्री सरकार के फैसले के बाद हुई परेशानी को सहन करने की अपील जनता से करते रहे हैं।
- वह कहते रहे हैं कि 50 दिन की अवधि पूरी हो जाने के बाद यह परेशानी धीरे-धीरे दूर होनी शुरू हो जाएगी।
- मंगलवार को मोदी ने मौजूदा आर्थिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए नीति आयोग में अर्थशास्ति्रयों और विशेषग्यों से मुलाकात की थी।
मोदी ने नोटबंदी की घोषणा के बाद कहा था, “50 दिनों के लिए मुझे सहयोग दीजिए। मैं आपको वह भारत दूंगा, जिसके आप हकदार हैं।”
प्रधानमंत्री ने अपने राष्ट्रीय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में नोटबंदी पर विस्तार से बात की थी और ‘नकद रहित लेनदेन’ को प्रोत्साहित किया था।