पारादीप (ओडि़शा)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडियन ऑयल कॉपोरेशन (आईओसी) की 34,555 करोड़ रुपए की लागत से तैयार रिफाइनरी का आज उदघाटन किया। इससे आईओसी एक बार फिर से रिलायंस इंडस्ट्रीज को पीछे छोड़कर देश की सबसे बड़ी रिफाइनरी कंपनी बन गई है। डेढ़ करोड़ टन सालाना क्षमता की पारादीप रिफाइनरी का निर्माण करीब 16 साल में पूरा हुआ है। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 24 मई, 2000 को आईओसी के इस नौंवें प्लांट की आधारशिला रखी थी।
रिलायंस को पीछे छोड़ आईओसी बनी देश की सबसे बड़ी रिफाइनरी कंपनी
पारादीप से पहले आईओसी की आठ रिफाइनरियों की कुल क्षमता 5.42 करोड़ टन कच्चे तेल के शोधन की थी। पारादीप के जरिये आईओसी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को पीछे छोड़ दिया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज की गुजरात के जामनगर में दो रिफाइनरीयां हैं जिनकी कुल रिफाइनिंग क्षमता 6.2 करोड़ टन है। देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी आईओसी की एक अनुषंगी चेन्नई पेट्रोलियम कार्प लि. भी है जिसके द्वारा परिचालित रिफाइनरियों की कुल शोधन क्षमता 1.15 करोड़ टन है। भुवनेश्वर से करीब 140 किलोमीटर दूर स्थित पारादीप रिफाइनरी दुनिया की सबसे आधुनिक रिफाइनरियों में से है, जो सस्ते उच्च सल्फर वाले भारी कच्चे तेल का भी प्रसंस्करण कर सकती है।
डीजल, पेट्रोल, एलपीजी और केरोसिन-एटीएफ का होगा उत्पादन
अधिकारियों ने बताया कि यह सालाना 56 लाख टन डीजल, 37.9 लाख टन पेट्रोल और 19.6 लाख टन केरोसिन-एटीएफ का उत्पादन करेगी। इसके अलावा यहां 7.90 लाख टन एलपीजी तथा 12.1 लाख टन पेटकोक का भी उत्पादन होगा। अधिकारियों ने बताया कि इस रिफाइनरी का निर्माण एक बड़ा काम था। इसमें 2.8 लाख टन लोहा का इस्तेमाल हुआ है जो 30 एफिल टावरों या करीब 350 राजधानी ट्रेनों के बराबर है। इसमें 11.6 लाख घन मीटर कंक्रीटिंग की गई है, जो बुर्ज खलीफा दुबई से तीन गुना है। इसमें 2,400 किलोमीटर पाइप का इस्तेमाल किया गया है, जो एक प्रकार से गंगा की लंबाई के बराबर है। इसमें डीजल, केरोसिन और एलपीजी शामिल हैं। फिलहाल पारादीप रिफाइनरी भारत चरण-चार गुणवत्ता के पेट्रोल व डीजल का उत्पादन करेगी। बाद में यह वाहन ईंधन नीति के तहत बीएस-छह ईंधन का उत्पादन करेगी।