नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए बड़े पैमाने पर जागरुकता फैलाने के मकसद से आज 35 फसलों की विशेष किस्मों को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि डिजिटल समारोह के दौरान प्रधानमंत्री मोदी रायपुर में ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटिक स्ट्रेस टॉलरेंस’ के नवनिर्मित परिसर का उद्घाटन करेंगे।
पीएमओ के अनुसार, इस अवसर पर मोदी ने कृषि विश्वविद्यालयों को हरित परिसर पुरस्कार भी प्रदान करेंगे और नवाचार संबंधी तरीकों का इस्तेमाल करने वाले किसानों से संवाद करेंगे। उसने कहा कि फसलों की विशेष किस्में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित की गई हैं ताकि जलवायु परिवर्तन और कुपोषण की दोहरी चुनौतियों से निपटा जा सके। पीएमओ ने कहा कि 2021 में ऐसी 35 किस्में विकसित की गई हैं।
इस मौके पर प्रधानमंत्री कृषि विश्वविद्यालयों को ग्रीन कैंपस अवॉर्ड वितरित करेंगे। साथ ही उन किसानों के साथ बातचीत करेंगे जो नवीन तरीकों का उपयोग करते हैं और उपस्थित लोगों को संबोधित करेंगे। इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे।
विशेष गुणों वाली फसलों की किस्मों के बारे में
जलवायु परिवर्तन और कुपोषण की दोहरी चुनौतियों को हल करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा विशेष लक्षणों वाली फसल की किस्मों को विकसित किया गया है। जलवायु को लेकर लचीलापन और ऊंची पोषक तत्व सामग्री जैसे विशेष गुणों वाली 35 ऐसी फसलों की किस्मों को साल 2021 में विकसित किया गया है। इनमें सूखे को बर्दाश्त करने वाली चने की किस्म, विल्ट और स्टरिलिटी मौज़ेक प्रतिरोधी अरहर, सोयाबीन की जल्दी पकने वाली किस्म, चावल की रोग प्रतिरोधी किस्में और गेहूं, बाजरा, मक्का, चना, क्विनोआ, कुटु, विन्गड बीन और फाबा बीन की बायोफोर्डिफाइड किस्में शामिल हैं।
इन विशेष लक्षणों वाली फसल की किस्मों में वे भी शामिल हैं जो कुछ फसलों में पाए जाने वाले ऐसे पोषण-विरोधी कारकों को हल करती हैं जो मानव और पशु स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। ऐसी किस्मों के उदाहरणों में पूसा डबल जीरो मस्टर्ड 33, पहला कैनोला क्वालिटी हाइब्रिड आरसीएच 1 जिसमें <2% इरुसिक एसिड और <30 पीपीएम ग्लूकोसाइनोलेट्स और एक सोयाबीन की किस्म शामिल है जो दो पोषण-विरोधी कारकों से मुक्त है जिन्हें कुनिट्ज़ ट्रिप्सिन इनहिबिटर और लिपोक्सीजनेस कहते हैं। सोयाबीन, ज्वार, और बेबी कॉर्न सहित अन्य में विशेष गुणों वाली किस्में विकसित की गई हैं।
राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान के बारे में
रायपुर में राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान की स्थापना जैविक तनाव में बुनियादी और रणनीतिक अनुसंधान करने, मानव संसाधन विकसित करने और नीतिगत सहायता प्रदान करने के लिए की गई है। इस संस्थान ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 से पीजी कोर्स शुरू कर दिए हैं।
ग्रीन कैंपस पुरस्कारों के बारे में
ग्रीन कैंपस पुरस्कारों की शुरुआत इसलिए की गई है ताकि राज्य और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालयों को ऐसी आदतें विकसित करने या अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके जो उनके परिसरों को ज्यादा हरा-भरा और स्वच्छ बनाए, और छात्रों को 'स्वच्छ भारत मिशन', 'वेस्ट टू वेल्थ मिशन' में शामिल होने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 के मुताबिक सामुदायिक जुड़ाव के लिए प्रेरित करे।