नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी का प्रभावी तरीके से इस्तेमाल करने से कैसे चुनौतियों को अवसरों में बदला जा सकता है इसका एक उदाहरण है इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक, जो देश का सबसे बड़ा नेटवर्क है। प्रधानमंत्री ने रविवार को कहा, "हमारी डाकघर सेवा पर मोबाइल और इंटरनेट के बढ़ते प्रसार की वजह से बंद होने का खतरा था, लाखों लोगों के रोजगार पर संकट था। लेकिन आज प्रौद्योगिकी के कारण ही डाकघर, बैंकिंग सेवा के डिजिटल लेन-देन और होम डिलवरी के केंद्र बन रहे हैं।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानव और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के बीच समन्वय और समुचित संतुलन बनाने पर बल देते हुए कहा कि इस बात पर चर्चा नहीं होनी चाहिए कि एआई से खतरा क्या है बल्कि इस बात पर चर्चा होनी चाहिए कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मानवीय मंशा के बीच हम सेतु कैसे बनाएं। प्रधानमंत्री यहां 'बिजिटल नेशन' नामक किताब के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे। इस किताब के लेखक एन. चंद्रशेखरन और रूपा पुरुषोत्तम हैं। मोदी ने कहा, "इस बात पर चर्चा नहीं होनी चाहिए एआई से खतरा क्या है बल्कि इस बात पर चर्चा होनी चाहिए कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मानवीय मंशा के बीच हम सेतु कैसे बनाएं।"
उन्होंने कहा, "इस बात पर चर्चा होनी चाहिए कि अपने स्किल को नई मांग के अनुसार कैसे अपग्रेड करें।" प्रधानमंत्री ने कहा, "प्रौद्योगिकी जब सेतु बनती है तो हमें पारदर्शिता और लक्षित डिलीवरी का भी समाधान मिलता है। भारत में बिचौलियों और दलालों का क्या रोल था, इससे आप भली-भांति परिचित रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि सरकार देश चलाती है और बिचौलिया शासन चलाता है, इसे एक रूल मान लिया गया था, ये इसलिए होता था कि जनता और प्रगति के बीच गैप था और जन्म से लेकर मृत्यु तक प्रमाणन की एक लंबी व्यवस्था थी जिसमें आम लोग पिसते रहते थे। उन्होंने कहा, "आज जन्म से लेकर जीवन प्रमाण पत्र तक की सैकड़ों सरकारी सेवाएं ऑनलाइन हैं। आज स्वप्रमाणन देश में एक नॉर्म बन रहा है। अब हम सेल्फ एसेसमेंट, सेल्फ डिक्लेरशन और फेसलेस टैक्स एसेसमेंट जैसे सिस्टम की ओर बढ़ रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "इसी तरह गांव-गांव में ऑनलाइन सर्विस डिलीवरी देने वाला कॉमन सर्विस सेंटर नेटवर्क 12 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार दे रहा है।" उन्होंने कहा, "इसी प्रौद्योगिकी से आयुष्मान भारत को हेल्थकेयर के कंप्लीट पैकेज के तौर पर हम विकसित कर रहे हैं।" उन्होंने कहा पहले प्रिवेंटिव हेल्थकेयर पर फोकस होता ही नहीं था, प्राइमरी हेल्थकेयर सिर्फ सिर दर्द और पेट दर्द तक सीमित थे और टर्शियरी हेल्थकेयर पूरी तरह से एक अलग ही ट्रैक पर था।
प्रधानमंत्री ने बताया कि अब इसके लिए पूरे देश में डेढ़ लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तैयार किए जा रहे हैं और इनको टर्शियरी हेल्थकेयर के बेस के तौर पर विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बहुत ही कम समय में अब तक 21 हजार से ज्यादा ऐसे सेंटर तैयार भी हो चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आप हैरान रह जाएंगे कि इतने कम समय में, इन सेंटर्स पर डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों को हाइपर टेंशन, सवा करोड़ से ज्यादा डायबिटीज, डेढ़ करोड़ से ज्यादा कैंसर के केस डायग्नोज हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि पहले प्राइमरी हेल्थकेयर सेंटर्स में ये संभव ही नहीं था। अब हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से ही ये केस आगे रेफर हो पा रहे हैं और टर्शियरी हेल्थकेयर नेटवर्क में वहां के डेटा के आधार पर सीधा और तेज इलाज संभव होने की शुरुआत हुई है।