नई दिल्ली। विपक्ष पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को गुजरात के डीसा में कहा कि नोटबंदी का लक्ष्य दबे कुचले को सशक्त और ईमानदार लोगों को मजबूत करना है, नोटबंदी से हुई समस्या वादे के मुताबिक 50 दिनों के बाद समाप्त हो जाएगी। आपको बता दें कि PM मोदी शनिवार को को-ऑपरेटिव डेयरी प्लांट का उद्घाटन करने डीसा आए थे।
नोटबंदी पर बोले पूर्व PM मनमोहन सिंह, कहा- यह फैसला विशाल त्रासदी, मुश्किल हालात के लिए लोग रहें तैयार
गरीबों की ताकत बढ़ाने लिए उठाया कदम
- अपने भाषण में मोदी ने कहा, पहले 20, 50, 100 रुपए के नोट को कोई पूछता नहीं था, पर 8 तारीख के बाद बड़ों की तरफ कोई देखने को तैयार नहीं है, मैंने छोटे लोगों की ताकत बढ़ाने के लिए यह बहुत बड़ा फैसला किया है।
- व्यापारी पहले कहते थे कि कच्चा बिल कि पक्का बिल, मकान खरीदने के लिए चेक में इतना, रोकड़े में इतना। इस प्रकार से वे लोग नोट छापते गए, देश का अर्थतंत्र इन नोटों के ढेर के नीचे दबने लग गया।
- मेरी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है, नकली नोटों का सीमा पार से कारोबार चलता है, नक्सलवाद में सारे नौजवान सरेंडर हो कर वापस आ रहे हैं, आतंकवादियों को जहां से ताकत मिलती थी, उन रास्तों को रोकने में हम सफल रहे हैं।
विपक्ष को सुनाई खरी-खरी
- नोटबंदी पर संसद ठप करने के लिए विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘संसद चल नहीं रही है, चलने नहीं दी जा रही है, हमारे देश के राष्ट्रपति जिनका सार्वजनिक जीवन में इतना लंबा अनुभव है, लेकिन संसद में जो कुछ हो रहा है, उससे वह इतने दुखी हो गए कि दो दिन पहले उन्हें सांसदों को सार्वजनिक तौर पर टोकना पड़ा।
- सरकार कहती है कि पीएम बोलने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनको मालूम है, उनका झूठ टिक नहीं पाएगा इसलिए मुझे लोकसभा में बोलने से रोका जाता है, इसलिए मैंने जनसभा में बोलने का फैसला किया।
50 दिन में सुधर जाएंगे में हालात
- नोटबंदी से लोगों को हो रही परेशानी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘पहले दिन से कहा कि यह फैसला मामूली नहीं है, बहुत मुश्किल भरा फैसला है, मैंने कहा था कि बहुत तकलीफ होगी, मुसीबत आएगी और 50 दिन यह तकलीफ होगी ही होगी। तकलीफ बढ़ती जाएगी, 50 दिन बाद धीरे-2 कर स्थिति सुधर जाएगी।
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अब आएगी स्वीट क्रांति
- पीएम मोदी ने कहा कि बनास डेयरी ने श्वेत क्रांति के साथ साथ स्वीट क्रांति का भी बिगुल बजाया है।
- उन्होंने कहा, ‘अब स्वीट क्रांति भी होने वाली है, मधु क्रांति।
- मधुमक्खी पालन के लिए यहां किसानों ने ट्रेनिंग ली और अब उससे मिलने वाला शहद बाजार में भी आ गया है।
- अगर दूध के साथ साथ सभी किसान अपने खेतों में मधुमक्खी पालन भी कर लें तो शहद और दूध साथ साथ जाएगा। किसानों को अतिरिक्त फायदा मिलेगा।