नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी पर काबू पाने के लिए टीका (COVID-19 vaccine) जल्द ही उपलब्ध होने की बढ़ती संभावनाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 टीकाकरण अभियान में मोबाइल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने तीन दिन तक चलने वाली मोबाइल इंडिया कांग्रेस का उद्घाटन करते हुए कहा कि मोबाइल टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से अरबों डॉलर के लाभ को उनके सही लाभार्थियों तक पहुंचाने में सफलता मिली है।
कोरोना वायरस महामारी के दौरान भी इस तकनीक से गरीबों और समाज के वंचित तबकों तक मदद पहुंचाने में काफी सहारा मिला है। मोदी ने कहा कि मोबाइल टेक्नोलॉजी की मदद से ही हम दुनिया के सबसे बड़े कोविड-19 टीकाकरण की दिशा में आगे बढ़ेगें। हालांकि, उन्होंने इस बारे में अधिक ब्यौरा नहीं दिया। देश में तीन प्रमुख कंपनियों फाइजर, एस्ट्राजेनेका और भारत बायोटेक ने कोविड-19 टीके के आपातकालिक प्रयोग की अनुमति मांगी है। इन कंपनियों के अपने टीके के इस्तेमाल के बारे में आवेदन किए जाने के साथ उम्मीद है कि देश में जल्द ही बड़े पैमाने पर टीकाकरण की शुरुआत हो सकती है।
देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 95 लाख से अधिक है। हालांकि, इसमें से 91 लाख से अधिक लोग ठीक भी हो चुके हैं। मोदी ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा कि हमें दूरसंचार क्षेत्र में 5जी टेक्नोलॉजी के समय पर शुरुआत की दिशा में मिलकर काम करने की जरूरत है ताकि बेहतर भविष्य की दिशा में आगे बढ़ा जा सके और करोड़ों भारतीयों को इसका लाभ मिल सके। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर भारत को दूरसंचार उपकरणों, डिजाइन, विकास और विनिर्माण के क्षेत्र में बड़ा केंद्र बनाने पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि मोबाइल टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से ही आज भारत करोड़ों डॉलर की मदद को उनके सही लाभार्थियों तक पहुंचाने में मदद मिली है। मोबाइल दूरसंचार सेवा कंपनियों के मंच सीओओई द्वारा दूसरसंचार विभाग के सहयोग से आयोजित तीन दिन के सम्मेलन के उद्धाटन संत्र में मोदी ने कहा कि यह मोबाइल टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से ही संभव हो पाया है कि हम देख रहे हैं कि अरबों रुपये का नकदी रहित लेनदेन संभव हो सका है और इससे बेहतर व्यवस्था और पारदर्शिता को बढ़ावा मिला है। मोबाइल टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से ही अब टोल नाकाओं पर बिना संपर्क में आए वाहनों की आवाजाही हो पा रही है।