मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए देश में शहरों को 21वीं सदी की दुनिया के मुताबिक बनाए जाने की जरूरत जोर दिया है। उन्होंने मुंबई में शनिवार को 19,000 करोड़ रुपए की तीन नई मेट्रो लाइनों की आधारशिला रखी है। इसके साथ ही महानगर में बहुमंजिले मेट्रो भवन का भी शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर मुंबई में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शहरों में आधुनिक सुविधाओं के विकास की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए हमें आवागमन एवं संपर्क, उत्पादकता, पर्यावरण की दृष्टि से स्वस्थ विकास और सुरक्षा को लेकर उठ रही चिंताओं का समाधान करने वाली प्रणालियों का सृजन करना होगा।
मुंबई में नियोजित नई लाइनों में 4,476 करोड़ रुपए की लागत से 9.2 किलोमीटर की गायमुख-शिवाजी चौक (मीरा रोड) मेट्रो-10 कॉरिडोर, 12.8 किलोमीटर वाला वडाला- सीएसटी मेट्रो-11 कॉरिडोर (8,739 करोड़ रुपए) और 20.7 किलोमीटर कल्याण-तलोजा मेट्रो-12 कॉरिडोर (5,865 करोड़ रुपए) शामिल हैं। इन नई लाइनों का काम 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। 14 मेट्रो लाइनों वाले प्रस्तावित 337 किलोमीटर के मेट्रो नेटवर्क के दायरे में पूरा मुंबई महानगर क्षेत्र आएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे नई मेट्रो लाइनें हों या मेट्रो भवन या फिर बीकेसी ब्रिज यह सभी लोगों के जीवन को आसान बनाने के उद्येश्य से बनाए जा रहे हैं। उन्होंने मुंबई में विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बधाई दी। पीएम मोदी ने कहा कि मुंबई एक ऐसा शहर है, जिसने पूरे देश को गति दी है। देश का हर नागरिक इस शहर से प्यार करता है। हमने पिछले पांच सालों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को विकसित करने के लिए कई प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले तक क्या कोई सोच भी सकता था कि यहां नए हवाई अड्डे, ट्रांस हार्बर लिंक और बुलेट ट्रेन समेत नयी बड़ी परियोजना का काम इतनी तेज गति से शुरू हो सकेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने अगले पांच साल में देशभर में बुनियादी ढांचे (इंफ्रास्ट्रक्चर) पर 100 लाख करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनायी है। हम मुंबई के साथ अन्य शहरों को भी विकसित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में मुंबई में विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर डेढ लाख करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। अब हम देश में मेट्रो के डिब्बे बना रहे हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो बुनियादी ढांचे के विकास का मतलब है रोजगार के अवसर।
उन्होंने आगे कहा कि परिचालित और विकसित की जा रही मेट्रो परियोजनाओं से करीब 10,000 इंजीनियरों और 40,000 कुशल और अकुशल कामगारों को रोजगार के अवसर मिले हैं। प्रधानमंत्री ने देश में निर्मित मेट्रो कोच (डिब्बे) को भी पेश किया। बेंगलुरु स्थित संयंत्र में भारत अर्थ मूवर्स (बीईएमएल) ने इसे मात्र 75 दिनों में तैयार किया है। मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को 500 कोच की आपूर्ति की जाएगी। मोदी ने कहा कि पहली मेट्रो लाइन 35 साल पहले कलकत्ता में विकसित की गई थी लेकिन आज हमारे पास 27 शहरों में करीब 675 किलोमीटर की मेट्रो लाइन है, जिन पर परिचालन हो रहा है। इसमें से 400 किमी. लाइनों का परिचालन पिछले पांच साल में शुरू हुआ। करीब 850 किमी की मेट्रो लाइनें निर्माण की विभिन्न चरणों में हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सभा को संबोधित करते भरोसा जताया कि 2020-21 तक करीब 120 किलोमीटर के मेट्रो नेटवर्क का परिचालन शुरू हो जाएगा। 2022-23 तक दूसरे 85 किमी नेटवर्क पर परिचालन शुरू हो जाएगा। बाकी पर 2025 तक परिचालन शुरू होगा। उन्होंने दावा किया मेट्रो प्रणाली से मुंबई महानगर में कार्बन उत्सर्जन में 2.5 करोड़ टन की कमी होगी।
पीएम मोदी ने कांदिवली पूर्व में बांडोगरी मेट्रो स्टेशन का भी उद्घाटन किया। मोदी ने अपने मुंबई कार्यक्रम की शुरुआत परेल इलाके में एक गणेश मंडप के दर्शन के साथ की। फडनवीस ने इस अवसर पर नासिक शहर में प्रस्तावित देश की पहली हाई हाईब्रिड मोट्रो परियोजना के लिए केंद्र से मदद का अग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्य के लिए कई परियोजनाएं मंजूर की हैं। में उनसे इस परियोजना की स्वीकृति के लिए भी आग्रह करता हूं। हम हाईब्रिड मेट्रो रेल परियोजना लें तो इससे हम छोटे शहरों में भी मेट्रो रेल शुरू कर सकते हैं।