नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों से मधुमक्खी पालन से जुड़ने की अपील की है। प्रधानमंत्री ने अपने 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम के दौरान रविवार को कहा कि मधुमक्खी पालन से किसानों की आय बढ़ेगी और यह उनके जीवन में मिठास भी घोलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं चाहता हूं कि देश के ज्यादा से ज्यादा किसान अपनी खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन से भी जुड़ें। ये किसानों की आय भी बढ़ाएगा और उनके जीवन में मिठास भी घोलेगा।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के कृषि जगत में आधुनिकता समय की मांग है। उन्होंने कहा, "बहुत देर हो चुकी है। हम बहुत समय गवां चुके हैं। कृषि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए, किसानों की आय बढ़ाने के लिए, परंपरागत कृषि के साथ-साथ नए विकल्पों को, नए-नए नवाचारों को अपनाना भी उतना ही जरूरी है। श्वेत क्रांति के दौरान देश ने इसका अनुभव किया है।"
उन्होंने कहा कि अब मीठी भी ऐसा ही एक विकल्प बन करके उभर रहा है। मधुमक्खी पालन देश में शहद क्रांति या मीठी क्रांति का आधार बना रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में किसान इससे जुड़ रहे हैं और इनोवेशन (नवाचार)कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में एक गांव है गुरदुम। पहाड़ों की इतनी ऊंचाई, भौगोलिक दिक्कतें, लेकिन, यहां के लोगों ने मधुमक्खी पालन का काम शुरू किया, और आज, इस जगह पर बने शहद की अच्छी मांग है। इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ रही है। पश्चिम बंगाल के ही सुंदरबन इलाके का प्राकृतिक आर्गेनिक शहद को देश-दुनिया में पसंद किया जाता है।"
उन्होंने आगे कहा, "ऐसा ही एक व्यक्तिगत अनुभव मुझे गुजरात का भी है। गुजरात के बनासकांठा में वर्ष 2016 में एक आयोजन हुआ था। उस कार्यक्रम में मैंने लोगों से कहा कि यहां इतनी संभावनाएं हैं। क्यों न बनासकांठा और हमारे यहां के किसान मीठी क्रांति का नया अध्याय लिखें? आपको जानकर खुशी होगी, इतने कम समय में, बनासकांठा, शहद उत्पादन का प्रमुख केंद्र बन गया है। आज बनासकांठा के किसान शहद से लाखों रुपये सालाना कमा रहे हैं।
उन्होंने हरियाणा के यमुना नगर का भी उदाहरण दिया जहां किसान मधुमक्खी पालन से सालाना, कई सौ-टन शहद पैदा कर रहे हैं और अपनी आय बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की इस मेहनत का परिणाम है कि देश में शहद का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है, और सालाना उत्पादन करीब सवा-लाख टन पहुंच गया है और बड़ी मात्रा में शहद का निर्यात भी हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मधुमक्खी पालन करने से सिर्फ शहद से ही आय नहीं होती, बल्कि मोम भी आय का एक बहुत बड़ा माध्यम है। उन्होंने कहा कि फार्मा इंडस्ट्री, फूड इंडस्ट्री, टेक्सटाइल और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री, हर जगह मोम की मांग है। उन्होंने कहा, "हमारा देश फिलहाल मोम का आयात करता है, लेकिन स्थिति तेजी से बदल रही है। हमारे किसान एक तरह से आत्मनिर्भर भारत अभियान में मदद कर रहे हैं। आज तो पूरी दुनिया आयुर्वेद और नेचुरल हेल्थ प्रोडक्ट्स की ओर देख रही है। ऐसे में शहद की मांग और तेजी से बढ़ रही है।"