नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 35वीं ‘प्रगति’ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुल 54,675 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की समीक्षा की। ये परियोजनाएं 15 राज्यों में चल रही हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बयान के जरिए कहा कि बैठक के दौरान मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की राह में आ रही अड़चनों का तेजी से हल सुनिश्चित करें। प्रगति कामकाज के संचालन और समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए ICT आधारित बहु-मॉडल मंच है। इसमें केंद्र और राज्य सरकारें शामिल हैं।
पीएमओ ने कहा कि बैठक में दस एजेंडा थे जिसमें नौ परियोजनाओं और एक कार्यक्रम शामिल था। बैठक में इन सभी की प्रगति की समीक्षा की गई। इन नौ परियोजनाओं में तीन रेल मंत्रालय, तीन सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और एक-एक परियोजना उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी), बिजली मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की थीं। ये नौ परियोजनाएं 15 राज्यों ओडिशा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, झारखंड, बिहार, तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात, प.बंगाल, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तराखंड से जुड़ी हैं। इन परियोजनाओं की कुल लागत 54,675 करोड़ रुपये है। बैठक के दौरान मोदी ने प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना की भी समीक्षा की।
सरकार देश भर में जारी परियोजनाओं को समय पर या समय से पहले पूरा करने पर जोर दे रही है, जिससे न केवल इनकी लागत नियंत्रित रखी जाए, साथ ही परियोजनाओं में तेजी लाने से सुस्त अर्थव्यवस्थाओं को रफ्तार देने में भी मदद मिले। सरकार इसके साथ ही सरकारी कंपनियों से भी पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए कह रही है, जिससे मांग बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को कोरोना महामारी के असर से बाहर निकाला जा सके।