नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस्राइल की कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए और आर्थिक सुधारों का वादा किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में कारोबार सुगमता की स्थिति को बेहतर करने के लिए और आर्थिक सुधार लागू किए जाएंगे। यहां भारत-इ्स्राइल उद्यमियों के एक संयुक्त सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए और खोलने के हाल के निर्णय का जिक्र किया। इसके अलावा, उन्होंने राष्ट्रीय एयरलाइन एयर इंडिया में विदेशी विमानन कंपनियों को हिस्सेदारी लेने की अनुमति का भी उल्लेख किया। मोदी ने कहा कि सरकार ने उल्लेखनीय सुधार किए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कंपनियों के समक्ष आने वाले विभिन्न नियामकीय मुद्दों को हल किया गया है। उन्होंने कहा कि हम रुकेंगे नहीं। हम और बेहतर करना चाहते हैं। मोदी ने कहा कि हर दिन देश में कारोबार करने को आसान किया जा रहा है। उन्होंने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने तथा पारदर्शी कर प्रणाली को उपलब्धियां बताया।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, एफडीआई प्रवाह अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर है। हम पिछले तीन साल के दौरान वृहद और सूक्ष्म स्तर पर कदम उठा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूंजी तथा प्रौद्योगिकी का प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए रक्षा सहित ज्यादातर क्षेत्रों को विदेशी निवेश के लिए खोला गया है। अब 90 प्रतिशत से अधिक एफडीआई मंजूरियों को स्वत: मंजूर मार्ग पर डाला गया है। मोदी ने कहा कि हम दुनिया की सबसे मुक्त अर्थव्यवस्थाओं में से हैं।
इस मौके पर इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी मौजूद थे। मोदी ने इस अवसर पर इस्राइली कंपनियों को भारत में निवेश का न्योता दिया। मोदी ने कहा कि भारत का विकास एजेंडा काफी विशाल है जो इस्राइली कंपनियों को भारी अवसर प्रदान करता है।
वर्ष 2006 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में इस्राइल यात्रा का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि हमेशा से मेरे मन में इस्राइल और वहां के लोगों के लिए सम्मान रहा है। पिछले साल जुलाई में मैं इ्स्राइल गया था। वहां मैंने नवोन्मेषण, उद्यमशीलता और दृढ़ता का अनुभव किया, जिसकी वजह से इस्राइल आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार और लोगों के साथ भारत का कारोबारी समुदाय इस्राइल के साथ हाथ मिलाना चाहता है। मोदी ने कहा कि हम भारत-इ्स्राइल संबंधों के नए उभार पर खड़े हैं। यह अवसर हमारे लोगों तथा जीवनस्तर को बेहतर करने के आपसी हित के मौकों से पैदा हुआ है। मोदी ने कहा कि हाल में शुरू किया गया भारत इ्रसाइल इनोवेशन ब्रिज दोनों राष्ट्रों के स्टार्ट अप्स के बीच संपर्क का काम करेगा।
उन्होंने कहा कि मैं कहता रहा हूं कि भारतीय उद्योगों, स्टार्ट अप्स और शैक्षणिक संस्थानों को अपने इस्राइल समकक्षों के साथ साझेदारी करनी चाहिए और जिससे ज्ञान के भारी भंडार तक पहुंचा जा सके। अपने संबोधन में नेतन्याहू ने कृषि और जल प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी के महत्व को रेखांकित किया। इसके अलावा उन्होंने स्वास्थ्य के साथ स्टार्ट अप्स क्षेत्र में बढ़ते सहयोग का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि मैं भारत पर भरोसा करता हूं, क्योंकि मैं आपकी विरासत, आपकी संस्कृति, आपकी सृजनात्मकता, आपकी मानवता के बारे में जानता हूं। मैं यहां इस्राइल पर विश्वास जताने के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी का धन्यवाद करने आया हूं। दोनों नेताओं ने भारत-इस्राइल आरएंडडी तथा प्रौद्योगिकी नवोन्मेषण कोष (आई4एफ) के लिए पहली बार संयुक्त रूप से आह्वान किया।
संयुक्त रूप से वेबसाइट की शुरुआत और दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा ब्रोशर के अनावरण के साथ प्रस्ताव के लिए आई4फंड आह्वान की घोषणा हुई। भारत और इस्राइल दोनों पांच साल तक इस कोष में सालाना 40-40 लाख डॉलर का योगदान करेंगे।