नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 20,050 करोड़ रुपए की प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) का शुभारंभ किया। इस योजना का मकसद किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के लक्ष्य के तहत मत्स्यपालन क्षेत्र का निर्यात बढ़ाना है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये आयोजित इस कार्यक्रम के जरिये प्रधानमंत्री ने मत्स्यपालन तथा पशुपालन क्षेत्र के लिए कई और योजनाओं की शुरुआत की। इस योजना की शुरुआत बिहार से हुई है। बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं।
इसके साथ ही मोदी ने मोबाइल एप ई-गोपाला का भी शुभारंभ किया। यह एप किसानों को पशुधन के लिए ई-मार्केटप्लस उपलब्ध कराएगी। साथ ही प्रधानमंत्री ने पूर्णिया में अत्याधुनिक सुविधाओं वाले वीर्य केंद्र का भी उद्घाटन किया। इस पर 84.27 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है। इस केंद्र के लिए बिहार सरकार ने 75 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई है। इसके उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री ने किसानों से बातचीत की। यह बातचीत मुख्य रूप से पशुधन और मत्स्यपालन क्षेत्रों पर केंद्रित थी।
पीएमएमएसवाई मत्स्य क्षेत्र पर केंद्रित और सतत विकास योजना है। इसे आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत वित्त वर्ष 2020-2021 से 2024-2025 की अवधि के दौरान सभी राज्यों में कार्यान्वित किया जाना है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि पीएमएमएसवाई के अंतर्गत 20,050 करोड़ रुपए का निवेश मत्स्य क्षेत्र में होने वाला सबसे ज्यादा निवेश है। इसमें से लगभग 12,340 करोड़ रुपए का निवेश समुद्री, अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि में लाभार्थी केन्द्रित गतिविधियों पर तथा 7,710 करोड़ रुपए का निवेश मत्स्यपालन ढांचे के लिए प्रस्तावित है। इस योजना के उद्देश्यों में 2024-25 तक मछली उत्पादन अतिरिक्त 70 लाख टन बढ़ाना तथा 2024-25 तक मछली निर्यात से आय को 1,00,000 करोड़ रुपए तक पहुंचाना है।