नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में किसानों की आय दोगुनी करने और खाद्यान्न के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खेती के उत्पादों के मूल्यवर्धन और वैज्ञानिक मेथड के इस्तेमाल का समर्थन किया। मोदी ने नेशनल एग्रीकल्चरल मार्किट पोर्टल (ईएनएएम) की शुरुआत की। आठ राज्यों की 21 मंडियों को कमोडिटी के ऑनलाईन कारोबार के लिए एकीकरण इससे जोड़ा गया है। इस अवसर मोदी ने कहा कि कृषि क्षेत्र को पूर्णता में देखने की आवश्यकता है ताकि किसानों को अधिकतम लाभ मुहैया कराया जा सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में ई-कृषि बाजार को एक अहम मोड़ बताया जो न केवल किसानों को बल्कि उपभोक्ताओं को भी लाभ पहुंचाएगा।
मोदी ने बगैर एपीएमसी कानून की व्यवस्था वाले राज्यों से कहा कि वे नया मंडी कानून लेकर आयें ताकि ऑनलाईन कारोबार किया जा सके। जिन राज्यों में एपीएमसी कानून है, उन राज्यों से प्रधानमंत्री ने अपील की कि वे कानून में जरूरी संशोधन करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ई-कृषि बाजार का लाभ किसानों को मिले। मोदी ने कहा, कृषि क्षेत्र को सबसे अलग कर नहीं देखा जाना चाहिये। कृषि क्षेत्र को लेकर एक सम्पूर्ण दृष्टि होनी चाहिये और तभी किसानों को अधिकतम लाभ को सुनिश्चित किया जा सकता है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्होंने पानी, उर्वरक और बिजली के युक्तिसंगत इस्तेमाल पर जोर दिया और किसानों से मृदा स्वास्थ्य कार्ड का लाभ उठाने को कहा।
मोदी ने कहा कि सरकार की बजट में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने देने की पहल फलों और सब्जियों की बर्बादी को कम करने में मदद करेगा तथा मूल्य वर्धित कृषि उत्पादों के विनिर्माण को प्रोत्साहित करेगा। ई-कृषि बाजार के लाभ को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह किसानों को अपने उत्पाद को बेचने का फैसला लेने में सक्षम बनाते हुए उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारेगा। उन्होंने कहा, यह कृषि कारोबार की एक पारदर्शी प्रणाली है जो किसानों, व्यापारियों और उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाएगा। किसान इस बात का फैसला कर सकेंगे कि वे कब, कहां और किस कीमत पर ऑनलाईन थोक बिक्री मंडी में बिक्री करें। किसानों को किसी और पर निर्भर नहीं करना होगा। वे खुद से फैसला लेने लायक बनेंगे।